भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बड़ा खुलासा किया है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद वायुसेना की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर चीफ मार्शल बताया कि ये ऑपरेशन इतिहास में दर्ज होगा जो निर्धारित उद्देश्य के साथ शुरु होकर टारगेट पूरा करने के बाद समाप्त हुआ.
वायुसेनाध्यक्ष ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस पर हमला कर 4-5 एफ-16 एयरक्राफ्ट नष्ट किए. वहीं भारत के नुकसान को लेकर पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा पर कटाक्ष करते हुए कहा, कि उन्हें सोचने दीजिए और बोलने दीजिए कि हमारा कितना नुकसान हुआ या नहीं हुआ.
वायुसेना प्रमुख ने बताया कि पाकिस्तान का कितना हुआ नुकसान
वायुसेना प्रमुख के मुताबिक, “ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के पांच एफ-16 और जेएफ-17 लड़ाकू विमानों का मार गिराया था.”
एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने कहा, “जहां तक पाकिस्तान के नुकसान का सवाल है, हमने बड़ी संख्या में उनके हवाई अड्डों और प्रतिष्ठानों पर हमले किए. 2 कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और बड़ी संख्या में एयरफील्ड को नुकसान पहुंचाया गया. हैंगर्स में खड़े एक सी-130 एयरक्राफ्ट, 04-05 एफ-16 लड़ाकू विमान तबाह हुए. एक मिसाइल प्रणाली को नुकसान हुआ. 05 फाइटर जेट आसमान में गिराए. एक बड़ा सी-130 गिराया.”
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि, “हमारे पास एक लंबी दूरी के हमले का स्पष्ट सबूत हैं.”
अगर पाकिस्तान सोचता है कि उसने हमारे 15 फाइटर जेट गिराए, तो सोचने दीजिए:वायुसेनाध्यक्ष
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के फर्जी दावों को लेकर एक सवाल के जवाब में एयर चीफ मार्शल ने कहा, “अगर वे (पाकिस्तान) सोचते हैं कि हमारे 15 फाइटर जेट गिराएं है तो सोचने दो. अगली बार वो आएंगे हम से लड़ने के लिए ये सोचकर 15 फाइटर जेट कम से लड़ेंगे. वे जो सोचते हैं वो मनोहर कहानियां है. मैं आज भी नहीं बताऊंगा कि क्या हुआ.”
वायुसेनाध्यक्ष ने कहा, “हमारे पास इतनी फोटो हैं, सबूत हैं, सैटेलाइट तस्वीरें हैं, क्या पाकिस्तान के पास कोई सबूत है. क्या पाकिस्तान हमारे किसी बेस में नुकसान दिखा पाया. नहीं. जैसे हमने पता किया कि उनका कितना नुकसान हुआ उन्हें वो पता करने दीजिए.”
तीनों सेनाओं के तालमेल था ऑपरेशन सिंदूर, इतिहास में दर्ज होगा ये ऑपरेशन:वायुसेनाध्यक्ष
वायुसेना प्रमुख ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के तालमेल का प्रतिबिंब था. भारतीय सशस्त्र बलों को संघर्ष को लेकर साफ निर्देश थे. यह एक सबक है जो इतिहास में दर्ज होगा कि यह एक ऐसा युद्ध था जो एक बहुत ही स्पष्ट उद्देश्य से लड़ा गया था और लक्ष्य हासिल होने के बाद इसे बिना आगे बढ़ाए हुए तेजी से समाप्त कर दिया गया.”
एयरचीफ मार्शल ने कहा, “पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को कीमत चुकानी पड़ी. किस सटीक उद्देश्य से शुरु किया गया और 3-4 दिन में जंग पूरी हो गई. दुनिया को भारत से सीख लेनी चाहिए कि युद्ध को कैसे खत्म किया जा सकता है. 200 किलोमीटर अंदर तक पाकिस्तान की सीमा में हमने मार की. हमारी जमीन से मार करने वाली मिसाइल बेहद अचूक और अभेद्य थी.पाकिस्तान के सिविलियन जनता को कोई नुकसान नहीं हुआ.”
वायुसेनाध्यक्ष ने रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के जंग का उदाहरण देते हुए कहा, “हम देख रहे हैं कि दुनिया में क्या हो रहा है, दो युद्ध चल रहे हैं और फिलहाल उनके खत्म होने की कोई बात नहीं चल रही है. लेकिन हमने लड़ाई को उस स्थिति में पहुंचाया, जहां वे हमसे युद्धविराम की मांग करें. इसके बाद हमने एक राष्ट्र के रूप में संघर्ष को समाप्त करने का फैसला लिया क्योंकि हमने जिन उद्देश्यों से लड़ाई शुरू की थी, वो पूरे हो चुके थे.”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वायुसेना प्रमुख ने इस बात की भी तस्दीक की कि तीनों सेनाओं ने सुदर्शन चक्र वायु रक्षा प्रणाली पर काम करना शुरू कर दिया है. आपको बता दें कि इस साल 15 अगस्त के मौके पर लालकिले की प्राचीर से पीएम नरेंद्र मोदी ने सुदर्शन चक्र प्रणाली पर काम करने की घोषणा की थी.