बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार बीएसएफ और बीजीबी के डीजी स्तर की चार दिवसीय (17-20 फरवरी) कॉन्फ्रेंस सोमवार से राजधानी दिल्ली में आयोजित होने जा रही है. बैठत में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) की तरफ से बांग्लादेश से ऑपरेट होने वाले भारत-विरोधी उग्रवादी संगठन पर लगाम लगाने से लेकर भारतीय नागरिकों पर हमले रोकने और तार-बंदी पर खास चर्चा होने जा रही है.
भारत की तरफ से बॉर्डर संबंधी वार्ता का प्रतिनिधित्व बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी करेंगे. पड़ोसी देश की तरफ से बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के डीजी, मेजर जनरल अशरफ उज जमां सिद्दीकी करने जा रहे हैं. बीएसएफ और बीजीबी के बीच ये 55वीं डीजी स्तर की वार्ता है.
वर्ष 1993 से दोनों देशों के सीमा संगठन बल, साल में दो बार महानिदेशक-स्तर की वार्ता आयोजित करते हैं. एक बार ये बैठक भारत में होती है और एक बार बांग्लादेश में. आखिरी बैठक, 5-9 फरवरी के बीच बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आयोजित की गई थी. जुलाई के महीने में ढाका में सत्ता परिवर्तन के चलते दूसरी छमाही बैठक का आयोजन नहीं हो पाया था.
बीएसएफ के प्रवक्ता के मुताबिक, बैठक के दौरान बांग्लादेश में सक्रिय भारतीय उग्रवादी संगठन के खिलाफ कार्रवाई के अलावा, सीमा पर बीएसएफ और भारतीय नागरिकों पर हमलों को रोकना और ट्रांस-बॉर्डर अपराधों पर लगाम लगाने पर खास जोर दिया जाएगा.
बीएसएफ के मुताबिक, सीमा पर सिंगल फैंस (कटीली तार) लगाने और बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण और बॉर्डर मैनेजमेंट प्लान पर भी वार्ता अपेक्षित है. साथ ही दोनों देशों के सीमा संगठनों के बीच आपसी विश्वास पैदा करने वाले कदमों पर चर्चा की जाएगी.
ये सम्मेलन ऐसे समय में आयोजित हो रहा है जब बांग्लादेश में भारत-विरोधी गतिविधियों जोरो पर हैं और अवैध घुसपैठियों की अवांछित हरकतें सीमा पर देखने को मिल रही हैं.