खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के षडयंत्र में एक भारतीय नागरिक की गिरफ्तारी और एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के खिलाफ चार्जशीट के मामले से भारतीय नौसेना की अमेरिका के साथ मिलिट्री डिप्लोमसी और इंडो-पैसिफिक रीजन में मेरीटाइम कोपरेशन में कोई खास खास असर नहीं पड़ेगा. ये मानना है नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार का. नौसेना प्रमुख के मुताबिक, भारत और अमेरिका के संबंध “बेहद पुराने और मजबूत” हैं, ऐसी घटनाओं से सैन्य सहयोग में कोई दिक्कत नहीं आएगी.
चीफ ऑफ नेवल स्टाफ (सीएनएस) एडमिरल हरि कुमार के मुताबिक, “भारत और अमेरिका की नौसेनाएं पिछले 30 सालों से मालाबार एक्सरसाइज करती आ रही हैं. इस मेरीटाइम युद्धाभ्यास का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा दोनों देशों के बीच में लॉजिस्टिक एग्रीमेंट भी है जिसके तहत दोनों देशों के युद्धपोत इत्यादि एक दूसरे के बंदरगाह और नेवल बेस पर सप्लाई के लिए आ जा सकते हैं. ऐसे में ऐसी किसी घटना (पन्नू की घटना) से दोनों देशों के समुद्री सहयोग और समन्वय में कोई दिक्कत नहीं आने जा रही है.”
नौसेना दिवस (4 दिसम्बर) से पहले शुक्रवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार राजधानी दिल्ली में सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान टीएफए के इस सवाल पर कि पन्नू के मामले से भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक और राजनीतिक संबंधों में खटास आ गई है, हरिकुमार ने कहा कि दोनों देशों की नौसेनाएं न केवल युद्धपोत और पनडुब्बियों के स्तर पर एक साथ युद्धाभ्यास करते हैं बल्कि तकनीकी सहयोग पर भी लगातार बातचीत करते हैं. एमक्यू-9 प्रीडेटर ड्रोन की डील का जिक्र करते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध बेहद प्रगाढ़ हैं.
दरअसल, अमेरिका की पुलिस ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में चेक गणराज्य से एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा पन्नू की सुपारी किलिंग के आरोप में भारत सरकार के सीनियर ऑफिसर को भी चार्जशीट किया है (जिसके नाम का खुलासा नहीं किया गया है). ऐसे में दोनों देशों के बीच कड़वाहट पैदा हो गई है. ये चार्जशीट ऐसे समय में आई है जब हाल के सालों में भारत और अमेरिका के संबंध बेहद मजबूत हुए हैं.
पिछले महीने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अमेरिका दौरे और प्रेसिडेंट जो बाइडेन से मुलाकात के बाद इंडो-पैसिफिक रीजन में जियोपॉलिटिकल समीकरण बदलते हुए दिखाई पड़ रहे हैं. हालांकि, चीन की ताइवान के खिलाफ आक्रामकता और साउथ चायना सी में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के खिलाफ दादागिरी दिखाने के चलते अमेरिका पिछले कुछ सालों से भारत से सहयोग की अपील करता आया था. हिन्द महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति को देखते हुए भारत भी अमेरिका से मेरीटाइम कोपरेशन को लेकर दोस्ती की पींगे बढ़ा रहा था. लेकिन अमेरिकी दौरे के दौरान शी जिनपिंग ने साफ कर दिया है कि चीन का ताइवान पर आक्रमण करने का कोई इरादा नहीं है. यही वजह है कि बाइडेन ने भी चीन को एक जिम्मेदार देश की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है.
एक अन्य सवाल के जवाब में नौसेना प्रमुख ने कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति को लेकर भारतीय नौसेना पूरी तरह सजग है. उन्होंने कहा कि एक समय में आईओआर में चीन के 6-8 युद्धपोत रहते हैं जो एंटी-पायरेसी पेट्रोल (गस्त) के लिए यहां रहते हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में चीन की फिशिंग बोट्स और वैसल भी हिन्द महासागर क्षेत्र में रहते हैं. साथ ही सर्वे-वैसल भी यहां आते रहते हैं. कुछ महीने पहले दक्षिण हिन्द महासागर में चीन की एक बोट के समंदर में दुर्घटनाग्रस्त होने का जिक्र करते हुए एडमिरल ने कहा कि भारतीय नौसेना के पी8आई ने ही उस बोट का पता लगाया था. सीएनएस ने चीन और पाकिस्तान के समुद्री सहयोग पर कहा कि उस पर नौसेना की पैनी नजर है.
हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है. इसी दिन 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर जबरदस्त हमला किया था. 1971 के युद्ध में बांग्लादेश के जन्म में नौसेना की एक निर्णायक भूमिका रही थी. हर साल 16 दिसम्बर को भारत पाकिस्तान में मिली जीत को विजय दिवस के तौर पर मनाता आया है. इस साल पहली बार ऐसा हो रहा है कि नौसेना दिवस कोंकण तट पर बने शिवाजी महाराज के किले सिंधुदुर्ग में मनाया जाएगा. इस दौरान कोंकण के तरकारली तट पर नौसेना अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगी.