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Red Sea में भारतीय जहाज पर ड्रोन अटैक, अमेरिका का आरोप हूती विद्रोहियों ने किया हमला

इजरायल- हमास की जंग अब समंदर में भी तेजी से फैल रही है जिसकी तपिश भारत तक आ रही है. 24 घंटे के अंदर भारतीय चालक दलों वाले दो जहाज पर ड्रोन हमला हुआ है. शनिवार को गुजरात के सोमनाथ के पास इजरायल से जुड़े एक केमिकल-टैंकर (जहाज) पर हमला हुआ तो लाल सागर में भी भारतीय झंडा लगे मालवाहक जहाज पर ड्रोन से हमला किया गया है. 

अफ्रीकी देश गैबॉन के जहाज ‘एमवी साई बाबा’ पर हमला

लाल सागर में शनिवार को दो जहाजों को निशाना बनाया गया, जिनमें से एक पर तिरंगा लगा था और 25 भारतीय सवार थे. तिरंगा लगे जहाज पर ड्रोन अटैक होने की पुष्टि अमेरिका के रक्षा विभाग यानी पेंटागन ने की है. पेंटागन का दावा है कि हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में नॉर्वे के एक जहाज (केमिकल-ऑयल टैंकर) पर ड्रोन से हमला किया. इस हमले में नॉर्वे का जहाज बाल-बाल बच गया. पेंटागन के मुताबिक, जिस दूसरे जहाज को निशाना बनाया गया वो एमवी साईबाबा है, जो ऑयल टैंकर है. अमेरिका के सेंट्रल कमांड का कहना है कि एमवी साईबाबा अफ्रीकी देश गैबॉन का है जिसपर इंडियन फ्लैग था. इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ. भारत का कहना है कि जिस जहाज पर भारतीय सवार थे वो भारत का नहीं बल्कि अफ्रीकी देश गैबॉन का है. इस जहाज ने भारत में रजिस्ट्रेशन किया था. 

लाल सागर में भारतीय जहाज पर अटैक

ईरान समर्थित हूती विद्रोही लगातार समंदर में जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन हमला कर रहे हैं. अमेरिकी नौसेना के सेंट्रल कमांड ने एक ऐसे ही हमले की जानकारी दी. सेंट्रल कमांड ने एक्स (ट्विटर) पोस्ट में बताया कि शनिवार को यमन के हूती विद्रोहियों ने एक ऑयल शिप पर ड्रोन से हमला कर दिया. भारतीय झंडे और गैबॉन के मालिकाना हक वाले कच्चे तेल के टैंकर एमवी साईबाबा ने जानकारी दी है कि जहाज पर ड्रोन हमला हुआ है पर इस हमले में किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है. अमेरिकी नौसेना के अलावा  यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) के मुताबिक यमन के सलीफ बंदरगाह से करीब 45 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में बाब अल-मंडब स्ट्रेट के पास जहाज को निशाना बनाया गया है. यूकेएमटीओ ने कहा कि लाल सागर में आगे बढ़ रहे इस जहाज के नजदीक अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) का जोरदार धमाका सुना गया.

लाल सागर में क्यों निशाने पर हैं जहाज ?
इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग के बीच हूती विद्रोहियों ने खुलकर हमास का साथ दिया है. ईरान समर्थित हूती विद्रोही 7 अक्टूबर यानी इजरायल में हुए आतंकी हमलों और उसके बाद इजरायल के गाजा पर लिए जा रहे एक्शन के बाद से ही समंदर पर अटैक कर रहे हैं. हमास के खिलाफ इजरायल को साथ देने वाले देशों के जहाजों पर हूती आतंकी लगातार मिसाइल और ड्रोन से अटैक कर रहे हैं. हाल ही के दिनों में लाल सागर में हूती विद्रोहियों के अटैक ज्यादा बढ़ गए हैं. हूती विद्रोही के साथ-साथ ईरान का भी मानना है कि समुद्री जहाजों को निशाना बनाने का सीधा असर इजरायल और समर्थित देशों के व्यापार पर पड़ेगा. लाल सागर विश्व का प्रमुख व्यापारिक मार्ग है, इस मार्ग से पश्चिमी एशिया ही नहीं बल्कि, अरब, यूरोप, अफ्रीका और भारत भी कारोबार करते हैं. लाल सागर से दुनिया का 12 फीसदी कारोबार होता है और हर साल करीब 10 अरब डॉलर से अधिक की कीमत के सामान का आयात-निर्यात लाल सागर के रास्ते से होता है. हूती विद्रोही लगातार इसलिए हमले कर रहे हैं ताकि ये मार्ग असुरक्षित रहे और इजरायल और उसको समर्थन करने वाले देशों के व्यापार का नुकसान हो.

भारत तक पहुंची इजरायल की आग

23 दिसंबर यानि शनिवार को अरब सागर में इजरायल से संबंधित जहाज, ‘एमवी केम प्लूटो’ पर हुआ ड्रोन अटैक पर ड्रोन से हमला किया गया था. जहाज पर हुआ ड्रोन अटैक ये हमला गुजरात के वेरावल से 370 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में किया गया था. हमले से जहाज में आग लग गई और कार्गो शिप की बिजली भी बाधित हो गई थी. यह शिप अरब सागर में एक कार्गो लेकर भारत की ओर बढ़ रहा था. जहाज सऊदी अरब से कर्नाटक के मंगलुरु की ओर आ रहा था. इंडियन कोस्ट गार्ड का जहाज, आईसीजीएस विक्रम इस जहाज को एस्कॉर्ट कर मुंबई ला रहा है. (Somnath पहुंची इजरायल-हमास युद्ध की आग ? जहाज पर हुआ ड्रोन अटैक)

शहीद-136 ड्रोन से एमवी केम प्लूटो पर हमला 

कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो एमवी केम प्लूटो पर ईरान के शहीद-136 ड्रोन (लॉएटरिंग म्युनिशेन) से हमला किया गया है. लो फ्लाइंग के चलते ये रडार की पकड़ में नहीं आता और लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है. ईरान के अलावा रुस और हूती विद्रोही इस कामकाजी ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं. 

अक्टूबर के बाद लाल सागर में टेंशन
हूती विद्रोहियों ने बीते कुछ दिनों में लाल सागर से गुजरने वाले कई जहाजों को निशाना बनाया है. ड्रोन और मिसाइल से हमले किए हैं और जहाजों में लूटपाट भी की गई है. नवंबर महीने में यूके के कार्गो शिप ‘ गैलेक्सी लीडर’ को आतंकियों ने कब्जे में ले लिया था. हेलीकॉप्टर से हूती आतंकी आए और हथियारों के बल पर जहाज को हाईजैक कर लिया था. इसके बाद हूतियों ने इजरायल के दो जहाजों पर हमला किया, इसी महीने नॉर्वे के टैंकर स्ट्रिंडा पर एंटी शिप मिसाइल से हमला किया. यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के मुताबिक, अक्टूबर 17 के बाद से लाल सागर में हूती विद्रोही अब तक 14-15 हमले कर चुके हैं. 

भारत की चिंता
इन हमलों को लेकर भारत भी चिंतित है. क्योंकि ये हमले लाल सागर से निकलकर भारत की समुद्री सीमाओं के करीब अरब सागर तक हो रहे हैं. 19 दिसंबर को ही पीएम मोदी ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की थी. इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी और पीएम नेतन्याहू ने समुद्री यातायात की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी. 

यूएस का ऑपरेशन प्रोस्पेरिटी गार्डियन

हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका ने भी लाल सागर में प्रॉस्पेरिटी गार्डियन नाम का एक बड़ा ऑपरेशन शुरु किया है. तकरीबन 10 से ज्यादा देशों के साथ मिलकर अमेरिका ने एक गठबंधन बनाया है, जो कि वाणिज्यिक जहाजों को बचाने के लिए लाल सागर में पेट्रोलिंग करेंगे. अमेरिका के नेतृत्व वाली मल्टीनेशनल सिक्योरिटी इनिशिएटिव में बहरीन, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, सेशेल्स और स्पेन शामिल होंगे. अमेरिका ने ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्डियन को नई सुरक्षा पहल और आज के समय के लिए बेहद जरूरी बताया है. 

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