नेवी के बाद अब वायुसेना ने भी आत्मनिर्भरता में झंडा बुलंद किया है. भारत को मिला है ऐसा अस्त्र इसके एक प्रहार से 100 किलोमीटर की रेंज में दुश्मनों के सारे शस्त्र भस्म हो जाएंगे. जी हां आपने सही सुना. रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने हैदराबाद में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल), कंचनबाग यूनिट से अस्त्र मिसाइल को जब हरी झंडी दिखाकर रवाना किया तो हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व का क्षण था.
क्यों खास है ‘अस्त्र’?
डीआरडीओ की बनाई गई अस्त्र के वायुसेना मेें शामिल होने से ताकत चौगुनी हो गई है. हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की श्रेणी में यह हथियार प्रणाली दुनिया में अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ है. 66 हजार फीट तक उड़ान भरने की क्षमता है. 5556.6 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दुश्मन की ठिकाने में जाकर ध्वस्त कर देगी. अस्त्र मिसाइल की स्पीड इतनी तेज है कि दुश्मन को बचने का मौका नहीं मिलेगा. इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये बियॉन्ड द लाइन ऑफ साइट है यानि दुश्मनों के उन ठिकानों को भी तबाह कर सकती है, जिसे पायलट नहीं देख पाता. अस्त्र की मारक क्षमता 100 किमी से अधिक है. मिसाइल को छोड़ने के बाद हवा में ही उसकी दिशा भी बदली जा सकती है. इस मिसाइल को करीब 20,000 फीट की ऊंचाई से भी दागा जा सकता है. यह मिसाइल लगातार टारगेट पर नजर बनाए रखती है. अभी इस मिसाइल के पहले वैरिएंट को मिग-29 यूपीजी मिग-29के, सुखोई सू-30एमकेआई, तेजस एमके.1-1A में लगाया गया है.
तेजस से हुई थी टेस्टिंग
पिछले साल अगस्त के महीने में तेजस फाइटर जेट से अस्त्र मिसाइल की सफल टेस्टिंग की थी. गोवा में समुद्र के ऊपर तेजस एयरक्राफ्ट से दागी गई, जो एकदम टारगेट पर सटीक वार करने में सफल रही.
हैदराबाद में कंपनी के सीएमडी, कमोडोर ए. माधवराव (सेवानिवृत्त), महानिदेशक, मिसाइल और सामरिक प्रणाली (डीजीएमएसएस) यू. राजा बाबू और डीआरडीओ, वायु सेना तथा बीडीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. केंद्रीय रक्षाराज्य मंत्री अजय भट्ट ने भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर’ नीति के तहत देश में ही विकसित मिसाइल के उत्पादन के लिए बीडीएल को बधाई दी. अजय भट्ट देश से रक्षा निर्यात को बढ़ाने में बीडीएल तारीफ की.
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