आम चुनावों से पहले मोदी सरकार ने अपना अंतरिम बजट जरुर पेश किया लेकिन रक्षा बजट को उसमें अहमियत देते हुए पहली बार रिकॉर्ड 6.21 लाख करोड़ की घोषणा की है. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे तनाव और युद्ध को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और हथियारों और सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए 1.72 लाख करोड़ दिए हैं.
मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट में सबसे ज्यादा रक्षा पर ही (6.21 लाख करोड़) खर्च किया है जो कुल आम बजट का 13.04 प्रतिशत है. इस वादे और आत्मविश्वास के साथ की जुलाई में (जब नई सरकार बन जाएगी) भी मोदी सरकार बजट लेकर आएगी वित्त मंत्री का रक्षा बजट पिछले साल (2023-24) के मुकाबले 4.7 प्रतिशत ज्यादा है.
हथियारों की खरीदारी के लिए बजट में क्या
मोदी सरकार ने हथियारों की खरीदारी (कैपिटल बजट) के लिए पिछले साल के मुकाबले 10,231 करोड़ रुपए ज्यादा खर्च किए हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हथियारों की खरीदारी के लिए 1.72 लाख करोड रुपए दिए हैं. इस बार हथियारों की खरीदारी के लिए सबसे ज्यादा बजट एयरफोर्स को दिया गया है. वित्त मंत्री ने वायु सेना को 57 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. नेवी को 52 हजार करोड़ और थल सेना को 37 हजार करोड रुपए दिए गए हैं. वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि इस कैपिटल बजट से सशस्त्र सेनाओं के लिए फाइटर जेट, युद्धपोत, ड्रोन, यूएवी और दूसरे घातक हथियार खरीदे जाएंगे.
एलसीए तेजस के उत्पादन में तेजी के साथ ही भारतीय नौसेना के लिए डेक-बेस्ड फाइटर जेट और पनडुब्बियां खरीदने का भी जिक्र बजट में किया गया है. मोदी सरकार नौसेना के आईएनएस विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए फ्रांस से रफाल फाइटर जेट के 26 मरीन वर्जन यानी रफाल (एम) खरीदने पर विचार कर रही है.
रिसर्च एंड डेवलपमेंट
बजट की घोषणा करते समय निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भरता की भी बात की. निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में डीप टेक टेक्नॉलॉजी के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि इस टेक्नॉलॉजी के जरिए क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. स्टार्टअप के जरिए मशीन लर्निंग, रोबोटिक क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी क्षेत्र में रिसर्च की जाएगी और जिसका इस्तेमाल डिफेंस यानी रक्षा के क्षेत्र में किया जाएगा. कहा जाए तो देश के रक्षा के मामले में अब प्राइवेट कंपनियों को ज्यादा मौका मिलेगा क्योंकि डीप टेक टेक्नोलॉजी देश में निजी कंपनियों के पास है. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) को इस बजट में 23,855 करोड़ दिए गए हैं ताकि देश में स्टार्ट-अप को मदद की जा सके. डीप टेक टेक्नोलॉजी और युवाओं (और प्राईवेट कंपनियों) को लोन देने के लिए रक्षा मंत्रालय को अलग से एक लाख करोड़ देने की घोषणा की गई है.
सेनाओं को कितनी सैलरी ?
सरकार ने इस साल तीनों सेनाओं की सैलरी के लिए 1.90 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. यह आवंटन पिछले साल के मुकाबले 12,652 करोड़ रुपए ज्यादा है. साथ ही सशस्त्र सेनाओं का राजस्व बजट 14.82 प्रतिशत बढ़ाकर करीब 92 हजार करोड़ कर दिया गया है.
पेंशनर्स के लिए क्या ऐलान ?
इस साल पेंशन के लिए सरकार ने 1.41 लाख करोड़ रुपए अनाउंस किए हैं. डिफेंस बजट में पिछले साल पेंशन के लिए 1.38 लाख करोड़ दिया गया था. वायु सेना थलसेना और नौसेना में रिटायर्ड सैनिकों की संख्या करीब 26 लाख है.
सीमावर्ती इलाकों का विकास
बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के लिए सरकार ने 6500 करोड़ दिए हैं जो पिछले बजट की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा. साफ है एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के खतरे का खास ध्यान रखा गया है. पिछले चार सालों से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं.
रक्षा क्षेत्र का मनोबल बढ़ाने वाला बजट: रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बजट की घोषणाओं को रक्षा क्षेत्र का मनोबल बढ़ाने के वाला बताया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि निर्मला सीतारमण ने बहुत ही सकारात्मक बजट पेश किया है, इस बजट में आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत की झलक है. इस बजट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2047 तक भारत को विकसित और भारत को 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाए जाने की इच्छा को प्रबलता मिलेगी.
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