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पन्नू नहीं आया MQ-9 डील के आड़े

आखिरकार अमेरिका ने भारत को बेहद घातक एमक्यू-9 प्रीडेटर ड्रोन देने का ऐलान कर दिया है. गुरुवार को अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी देश की संसद (कांग्रेस) को भारत को एमक्यू-9बी रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट देने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया. साफ है कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का मामला दोनों देशों के रक्षा सहयोग के आड़े नहीं आया है. 

अमेरिका रक्षा विभाग (मंत्रालय) की डिफेंस सिक्योरिटी कॉपरेशन एजेंसी ने इस बावत बयान जारी कर बताया कि कांग्रेस को एमक्यू-9बी आरपीए और उससे संबंधित उपकरणों की 3.99 बिलियन डॉलर (करीब 33 हजार करोड़) के सौदे के बारे में जानकारी दे दी गई है. बयान में बताया कि भारत ने 31 एमक्यू-9बी स्काई गार्डियन एयरक्राफ्ट और उसके साथ 170 हेलफायर मिसाइल, 310 लेजर स्मॉल डायामीटर बम, ग्लोबल पोजिशनिंग एंड इनरशियल नेविगेशन सिस्टम सहित अन्य उपकरण खरीदने का आग्रह किया था. उसी के लिए रक्षा विभाग ने कांग्रेस (संसद) को जानकारी दी है. 

पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एमक्यू-9बी प्रीडेटर (रीपर के आर्म्ड वर्जन) खरीदने को लेकर बातचीत हुई थी. इस बीच अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारत के एक सरकारी अधिकारी के हाथ आने से दोनों देशों के बीच संबंधों में थोड़ी खटास आ गई थी. गणतंत्र दिवस समारोह (26 जनवरी) में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत आने से इंकार कर दिया था. ऐसे में इस बात के कयास लगने शुरु हो गए थे कि क्या अमेरिका अब भारत को एमक्यू-9 प्रीडेटर ड्रोन देगा भी या नहीं. लेकिन अमेरिकी रक्षा विभाग के बयान से कयासों का दौर थम गया है. अमेरिका रक्षा विभाग ने इस बाबत एमक्यू-9बी ड्रोन बनाने वाली कंपनी जनरल एटोमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम को जानकारी दे दी है.

अमेरिकी के मुताबिक, इस सौदे (एमक्यू-9बी) से भारत और अमेरिका के बीच सामरिक संबंध मजबूत होंगे और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और आर्थिक खुशहाली आएगी. इसके साथ ही समंदर में निगहबानी रखी जा सकेगी और किसी भी खतरे से निपटने में ये ड्रोन सहायक होंगे.  

हिंद महासागर की निगहबानी और चीन-पाकिस्तान से सटी एयरस्पेस की निगरानी के लिए भारत को 31 एमक्यू-9बी ड्रोन की आवश्यकता है. इनमे से 15 ड्रोन (सी-गार्डियन) भारतीय नौसेना के लिए हैं और 8-8 वायुसेना और थलसेना के लिए हैॆ. करीब 40 हजार फीट की ऊंचाई पर 36 घंटे तक आसमान में रहकर निगरानी रखने वाले एमक्यू-9बी हेल (एचएएलई) यानी हाई ऑल्टिट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस ड्रोन हैं. क्योंकि यूएस एमक्यू-9बी ड्रोन के साथ हेलफायर मिसाइल और लेजर गाइडेड बम भी दे रहा है, इससे साफ है कि ये कॉम्बेट यानी हमला करने वाले ड्रोन हैं. पहले ही इस बात को लेकर साफ-साफ कुछ नहीं कहा गया था.

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