भारत ने बजट में दी जाने वाली सहायता राशि में जैसे ही कटौती की गई, मालदीव सही रास्ते पर आ गया. कल तक मालदीव से सैनिकों की वापसी पर अड़े राष्ट्रपति मुइज्जु अब भारतीय हेलीकॉप्टर पर तैनात सैन्य-कर्मियों को बदलने पर तैयार हो गए हैं. यानी भारतीय सैनिकों की वापसी होगी या नहीं इस पर सस्पेंस बरकरार है लेकिन ये पक्का है कि भारतीय हेलीकॉप्टर वापस नहीं आएंगे.
शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में भारत और मालदीव के बीच द्वितीय हाई-लेवल कोर ग्रुप की मीटिंग का आयोजन हुआ. इस मीटिंग के बाद मालदीव के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया कि “दोनों पक्ष (भारत और मालदीव) इस बात के लिए तैयार हो गए हैं कि तीन एविएशन प्लेटफॉर्म (हेलीकॉप्टर) में से एक पर तैनात सैन्यकर्मियों को 10 मार्च तक बदल दिया जाएगा.” बयान में कहा गया कि “बाकी दोनों प्लेटफॉर्म (हेलीकॉप्टर) से भी 10 मई तक सैन्यकर्मी बदल दिए जाएंगे.” ऐसे में ये साफ नहीं है कि सैनिकों की जगह दूसरे सैनिक तैनात होंगे या सिविल क्रू तैनात होगा.
दरअसल, पिछले कई सालों से भारत ने अपने तीन स्वदेशी हेलीकॉप्टर मालदीव को मानवीय सहायता के तौर पर दे रखे हैं. इन हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल मालदीव के मछुआरों को समंदर में सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन या फिर मेडिकल एंबुलेंस के तौर पर किया जाता है. इन हेलीकॉप्टर पर भारतीय नौसेना के पायलट और क्रू-सदस्य मालदीव में ही तैनात रहते हैं. हाल ही में मालदीव की सत्ता की कमान संभालने वाले नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने इन सैन्यकर्मियों को अपने देश से वापस भारत बुलाने का दबाव बनाया था. माना जाता है कि मुइज्जु चीन के पिछलग्गू हैं.
गुरुवार को मोदी सरकार ने जब अपना बजट पेश किया तो हर साल मालदीव को दी जाने वाले सहायता राशि में 22 प्रतिशत की कटौती कर दी थी. भारत ने इस बजट में मालदीव को महज 600 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था जबकि पिछले साल ये राशि 770 करोड़ थी. साफ है कि मालदीव को एक बड़ा झटका लगा है. साथ ही मालदीव की राजनीति में भी मुइज्जु की भारत विरोधी नीतियों का जबरदस्त विरोध हो रहा है. संसद में उनसे भारत से माफी मांगने को लेकर अभियोग चलाने तक की तैयारी चल रही है. इसके अलावा मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों में भी भारी गिरावट आई है. ऐसे में मालदीव को टूरिज्म से प्राप्त होने वाले राजस्व पर भी असर पड़ रहा है. ऐसे में मालदीव ने भारत से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की बजाए उनको बदलने की मांग की है जिसके लिए भारत भी तैयार हो जाएगा.
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |