एक के बाद एक दुनियाभर में कूटनीति के नित नए आयाम छूने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब खाड़ी देश यूएई निकल गए हैं टेंपल-डिप्लोमेसी के लिए. साल 2014 में देश की कमान संभालने के बाद से पीएम मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की ये सातवीं यात्रा है (13-14 फरवरी).
पिछले 08 महीने में तीसरी बार पीएम मोदी मिडिल ईस्ट के दौरे पर हैं. इजरायल हमास के युद्ध के बाद से मिडिल ईस्ट इस वक्त दुनिया में रणनीतिक तौर पर सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है. प्रधानमंत्री मोदी के दो दिवसीय यूएई दौरे पर पूरी दुनिया की नजर है. पीएम की मुलाकात यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ होगी जो ऐसे वक्त में हो रही है जब दुनिया में तेजी से घटनाक्रम बदल रहे हैं. ऐसे में भारत-यूएई के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की कोशिश होगी.
अबू धाबी में पीएम करेंगे हिंदू मंदिर का उद्घाटन
पीएम मोदी विशेष निमंत्रण पर अबू धाबी में हिंदू मंदिर का भी उद्घाटन करेंगे. बीएपीएस श्री स्वामी नारायण मंदिर अबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर है. इस मंदिर को यूएई द्वारा दान की गई 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक, मंदिर भारत और यूएई के बीच सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संबंधों का प्रतीक है. बीएपीएस स्वामी ईश्वरचरणदास ने प्रधानमंत्री के आवास पर जाकर मंदिर का निमंत्रण सौंपा था. मंदिर उद्घाटन के अलावा पीएम मोदी अबू धाबी में आयोजित होने वाले एक विशेष कार्यक्रम में यूएई के भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे. कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा- “हमें अपने प्रवासी भारतीयों और दुनिया के साथ भारत के जुड़ाव को गहरा करने की उनकी कोशिशों पर बहुत गर्व है. आज शाम, मैं अहलान मोदी कार्यक्रम में यूएई के भारतीय प्रवासियों के बीच रहने के लिए उत्सुक हूं”
पीएम मोदी ने यूएई की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि “पिछले 9 साल में भारत और यूएई के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा-सुरक्षा, फूड, एनर्जी, शिक्षा क्षेत्रों में सहयोग कई गुना बढ़ा है. हमारी सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के जुड़ाव के कारण दोनों देशों के संबंध पहले से और मजबूत हुए हैं. मैं यूएई के महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मिलने और द्विपक्षीय वार्ता के लिए उत्साहित हूं. गुजरात में इस साल ही वाइब्रेंट गुजरात समिट में मुख्य अतिथि के तौर पर शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का स्वागत करने का मुझे मौका मिला.”
किनसे मुलाकात, किन मुद्दों पर होगी बात?
पीएम मोदी राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. पीएम और यूएई राष्ट्रपति के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा होगी. क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों बात होगी. पीएम मोदी यूएई के उपराष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री और दुबई के शासक के न्योते पर 14 फरवरी 2024 को दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं की सभा को संबोधित करेंगे. शिखर सम्मेलन से अलग यूएई के प्रधानमंत्री और शेख मोहम्मद बिन राशिद के साथ वार्ता होगी. इस दौरान दिल्ली और दुबई संग बहुमुखी संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी. भारत में यूएई के राजदूत अब्दुल नासिर अलशाली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूएई यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण करार दिया है. कहा है कि सामरिक संबंधों को नई ऊंचाईयां मिलेंगी. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने भी कहा है कि दोनों देश ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा व्यापार और डिजिटल क्षेत्रों समेत कई और क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं. इस दौरा पोर्ट और समुद्री क्षेत्र में सहयोग के लिए कुछ समझौते हो सकते हैं. दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच डिजिटल सहयोग साझेदारी का महत्वपूर्ण है.
कैसा है भारत-यूएई में संबंध?
साल 1981 में इंदिरा गांधी के बाद साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही वो पीएम हैं जिन्होंने यूएई के साथ दोस्ती को एक नया मुकाम दिया और दोनों देशों की दोस्ती को बेहद मजबूत किया है. भारत-यूएई इस वजह से भी और नजदीक आ गए हैं, क्योंकि दोनों देशों में द्विपक्षीय व्यापार बहुत बढ़ा है. 2020-23 के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक- भारत और यूएई के बीच लगभग 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ. जबकि पहले ये व्यापार 16% था. साल 2022-23 में 3.5 अरब डॉलर के निवेश के साथ यूएई भारत में अब एफडीआई का चौथा सबसे बड़ा सोर्स है. भारत और यूएई में संबंध मजबूत हुए हैं, पर चुनौतियां भी हैं, क्योंकि चीन भी यूएई में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ा रहा है, जो भारत के लिए एक अलार्म की तरह है.
‘नाइट डेजर्ट’ में गरजे भारतीय-यूएई विमान
भारतीय वायुसेना, फ्रांसीसी वायुसेना और यूएई के एयरफोर्स ने जनवरी के महीने में ही युद्धाभ्यास डेजर्स नाइट 2024 का आयोजन किया. इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना ने सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29, जगुआर, सी-130-जे को मैदान में उतारा. फ्रांस ने राफेल लड़ाकू विमान और एक मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट तो यूएई की तरफ से एफ-16 को उतारा गया. इन सभी एयरक्राफ्ट को यूएई के अल धाफड़ा एयर बेस से संचालित किया गया था.
पीएम मोदी की यूएई दौरे से पहले फ्रेंच डिफेंस फोर्सेज ने इस एक्सरसाइज का वीडियो जारी किया (https://youtu.be/Ij9p67rB0Pk?si=vftwt2P5cLk5H2bO).
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