जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को शांति बर्दाश्त नहीं हो रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि खुफिया एजेंसियों को ऐसा अलर्ट मिला है कि आतंकी कश्मीर घाटी में आम चुनाव में बाधा डालने की योजना तैयार कर रहे हैं. आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा ‘बीजेपी की चुनावी रैलियों’ को निशाना बनाने की फिराक में है. इस इंटेलिजेंस इनपुट के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं.
जम्मू कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों के लिए पांच अलग-अलग तारीखों पर मतदान होने हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सहित सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस रखी है. राज्य (अब केंद्र शासित प्रदेश) में धारा 370 के हटने और पिछले एक-डेढ़ साल से खासतौर से कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं पर बहुत हद तक लगाम लगाया जा चुका है. यहां तक की गृह मंत्री अमित शाह प्रदेश से अफस्पा यानी आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट तक हटाने की चर्चा कर चुके हैं. राज्य के लोग भी आम चुनावों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. बस यही बात आतंकी संगठनों को खटक रही है.
इंटेलिजेंस एजेंसियों को ऐसा इनपुट मिला है कि कुछ दिन पहले लश्कर ए तैयबा (एलईटी) के स्थानीय कश्मीरी आतंकी जुनैद अहमद भट्ट ने अपने कुछ साथियों के साथ कुलगाम जिले के एक बागान में सीक्रेट बैठक की थी. खुफिया एजेंसियों को जुनैद के इन साथियों की पहचान नहीं मिल पाई है. लेकिन ये जरूर पता चला है कि आतंकियों की इस मीटिंग में चुनाव के मद्देनजर होने वाली ‘राजनीतिक रैलियों को निशाना’ बनाने की साजिश रची गई है. खास तौर से ‘बीजेपी की रैली और नेताओं पर अटैक’ करने की योजना बनाई गई है. टीएफए ने खुद इस इंटेलिजेंस-इनपुट को देखा है. इंटेलिजेंस इनपुट में ये भी कहा गया है कि आतंकी संगठन कुलगाम इलाके में सुरक्षाबलों के ‘इनफॉर्मर (खबरियों) को भी निकट-भविष्य में निशाना’ बना सकते हैं.
पिछले साल सितंबर के महीने में दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग एनकाउंटर को छोड़ दें तो घाटी में लगभग शांति है. कोकरनाग एनकाउंटर में सेना के दो अधिकारी और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी रैंक के अधिकारी आतंकियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे. पिछले कुछ महीनों में राजौरी और पूंछ इलाकों में तो आतंकी गतिविधियां देखी गई हैं लेकिन कश्मीर घाटी में शांति का माहौल है.
मंगलवार को ही राजधानी दिल्ली में आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने “जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस की सेना के साथ उत्कृष्ट तालमेल की सराहना” की थी. साथ ही रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थिति का उल्लेख करते हुए सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए भारतीय सेना की कार्रवाई की तो सराहना की लेकिन साफ कहा कि कि “दुश्मन द्वारा छद्म युद्ध जारी है.” राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बलों की “ऑपरेशन तैयारियों और क्षमताओं के उच्च मानकों” के लिए भी प्रशंसा की थी.
चुनावों के मद्देनजर, जम्मू कश्मीर पुलिस ने भी कमर कस रखी है. शांति और सौहार्द कायम करने के लिए पुलिस जिलेवार अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियों के साथ मार्च निकाल रही है. 30 मार्च को ही कुलगाम पुलिस ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए जिले में फ्लैग मार्च निकाला (https://x.com/policekulgam/status/1774025141397385426?s=20).
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