अगले दो सालों तक अमेरिका में विदेशी नागरिकों की जासूसी जारी रहेगी. इसके लिए अमेरिका कांग्रेस ने जरूरी रिफॉर्मिंग इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिंग अमेरिका एक्ट (आरआईएसएए) एक बार फिर पास कर दिया है. ये कानून अगले दो सालों तक लागू रहेगा.
अमेरिका के इस विवादित कानून के जरिए प्रशासन (सरकार) को इलेक्ट्रोनिक कम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर के जरिए विदेशी नागरिकों की जासूसी का अधिकार मिल जाता है. रिसा के जरिए ही अमेरिका के फोरेन इंटेलिजेंस सर्विलांस एक्ट (एफआईएसए) की धारा 702 के तहत विदेशी नागरिकों की सर्विलांस कर सकते हैं. इसके लिए अमेरिका की धरती से ऑपरेट करने वाले सभी ईमेल, फोन और दूसरे कम्युनिकेशन सर्विस प्रदान करने वाली कंपनियां सरकार को जासूसी करने में मदद करेंगे.
इस कानून के जरिए अमेरिका के होटल तक विदेशी नागरिकों द्वारा वाईफाई या फिर इंटरनेट इस्तेमाल करने की जानकारी साझा करने के लिए बाध्य हैं. 9-11 आतंकी हमले के बाद वर्ष 2008 में एफआईएसए कानून की धारा 702 में संशोधन किया गया था ताकि सरकार को किसी विदेशी नागरिक की सर्विलांस के लिए कोर्ट से मंजूरी ना लेने पड़े. इससे पहले तक सरकार को कोर्ट से संदिग्ध आरोपों के आधार पर वारंट के जरिए ही ये कम्युनिकेशन प्राप्त हो सकते थे. लेकिन अब कोर्ट से वारंट लेने की जरुरत नहीं पड़ती है.
जानकारों की मानें तो एवरीवन इज स्पाई यानी हर कोई जासूस है कि तर्ज पर अमेरिका का ये कानून सभी डाटा सेंटर, शेयर-वर्कस्पेस और बिजनेस लैंडलॉर्ड पर लागू होगा.
करीब एक दशक पहले अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) के एक कर्मचारी (सब-कॉन्ट्रैक्टर) एडवर्ड स्नोडेन ने बड़ी संख्या में क्लासिफाइड दस्तावेजों को सार्वजनिक कर दिया था. इन संवेदनशील दस्तावेजों से पता चला था कि अमेरिकी एनएसए दुनियाभर के देशों की सामूहिक जासूसी करता है. अमेरिका द्वारा भगोड़ा करार दिए गए स्नोडेन फिलहाल रुस में शरण लिए हुए हैं.