पांचवी बार रुस की कमान संभालने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए साफ किया कि विश्वयुद्ध का कोई इरादा नहीं है. यूक्रेन के खिलाफ अपनी विजय के लिए आश्वस्त पुतिन ने कहा कि हमारे परमाणु हथियारों वाली फोर्स हमेशा अलर्ट पर रहती है.
देश की बागडोर संभालने के दो दिन बाद ही रूस की राजधानी मॉस्को के विश्व-प्रसिद्ध रेड स्क्वायर पर वार्षिक विक्ट्री डे (विजय दिवस) का आयोजन किया गया. रुस के नौ हजार सैनिक और दर्जनों टैंक, तोप, रॉकेट और मिसाइल सिस्टम ने इस दौरान विक्ट्री परेड में हिस्सा लिया. लेकिन सबकी नजर जाकर टिकी टेक्टिकल न्यूक्लियर मिसाइल इस्कंदर पर. क्योंकि पुतिन ने कुछ दिनों पहले ही यूक्रेन सीमा से सटे रोस्तोव ऑन डॉन क्षेत्र में गैर-सामरिक न्यूक्लियर फोर्स को युद्धाभ्यास का आदेश दिया है. माना जा रहा है कि बेलारुस की सेना भी इस एक्सरसाइज में हिस्सा ले सकती है. साथ ही रेड स्क्वायर पर एस-400 मिसाइल सिस्टम और आरएस-24 यर्स इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ने भी हिस्सा लिया.
परेड की सलामी लेने के बाद देशवासियों को संबोधित करते हुए पुतिन ने एक बार फिर अपने सामरिक उद्देश्यों का खुलासा किया. पुतिन ने कहा कि हमारी स्ट्रेटेजिक फोर्स हमेशा अलर्ट पर रहती है और किसी की धमकी से डरने वाले नहीं हैं. पुतिन के मुताबिक, पश्चिमी देश रुस को मौजूदा स्थिति में देखना पसंद नहीं करते हैं फिर भी ग्लोबल-क्लैश (विश्वयुद्ध) को बचाने के लिए भरसक प्रयास करेंगे.
पुतिन ने कहा कि रुस इस वक्त मुश्किल वक्त से गुजर रहा है लेकिन हमारे देश का भाग्य और भविष्य हमारे पर निर्भर करता है. पुतिन ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाते हुए कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध की सच्चाई को तोड़-मरोड़ के पेश किया जा रहा है. विश्वुयुद्ध की हकीकत को वो देश रोक रहे हैं जो अपने औपनिवेशिक झूठ को छिपाना चाहते हैं. पुतिन ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने नाजियों को तबाह कर यूरोप की रक्षा की थी और वहां के लोगों को आजादी दिलाई थी.
यूक्रेन युद्ध (स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन) का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा कि रूस की सेना अपने पूर्वजों की तरह योग्य है और इसमें कोई शक नहीं है कि हमे विजय हासिल होगी. पुतिन ने कहा कि मुश्किल वक्त में ही रुस के लोगों की वीरता और साहस निखर कर सामने आती है.
हर साल 9 मई को द्वितीय विश्वयुद्ध (1941-45) में मिली विजय को रुस में विक्ट्री डे मनाया जाता है. सेकेंड वर्ल्ड वार में रुस (उस वक्त सोवियत संघ) के 2.70 लाख सैनिक और सामान्य नागरिकों की जान गई थी. गुरुवार को मॉस्को सहित रुस के कई महत्वपूर्ण शहरों में 79वां विक्ट्री डे मनाया गया. लेकिन आकर्षण का केंद्र रहा राजधानी मॉस्को का रेड स्क्वायर.