दुश्मन के रडार और सिग्नल प्रणाली को तबाह करने वाली एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-2 का बुधवार को सफल परीक्षण किया गया. खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सबसे पहले इस सुपर-किलर के नाम से मशहूर मिसाइल के सफल टेस्ट की जानकारी दी जिसे सुखोई फाइटर जेट से लॉन्च किया गया.
आसमान से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक रुद्रम-2 मिसाइल की रेंज करीब 300 किलोमीटर है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बुधवार को लगभग 1130 बजे ओडिशा के तट पर भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 एमके-I फाइटर जेट से रुद्रम-II मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उड़ान-परीक्षण ने सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया. मिसाइल के प्रदर्शन को इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों द्वारा लिए गए उड़ान डेटा से सत्यापित किया गया है, जिसे एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर द्वारा विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया था.
रुद्रम मिसाइल को वर्ष 2016 में तैयार किया गया था. उस वक्त इसकी रेंज 150 किलोमीटर थी. लेकिन रुद्रम-2 की रेंज दोगुनी यानी 300 किलोमीटर है. इसके अलावा डीआरडीओ रुद्रम-3 को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है, जिसकी रेंज करीब 500 किलोमीटर होगी. फिलहाल, रुद्रम को सुखोई फाइटर जेट से लॉन्च किया जाता है. लेकिन आने वाले समय में इसे स्वदेशी एलसीए-तेजस फाइटर जेट और मिराज-2000 से भी मार करने की तैयारी है.
दुनिया के चुनिंदा देशों के पास ही एंटी रेडिएशन मिसाइल है. इन देशों में अमेरिका, रुस और जर्मनी शामिल हैं. रुस ने अपनी एंटी-रेडिएशन ‘केएच-25एमपी’ मिसाइल का यूक्रेन जंग में जमकर इस्तेमाल किया है. एंटी-रेडिएशन मिसाइल, दुश्मन के रडार की तरंगों को ट्रैक करने में सक्षम है और उसी आधार पर वार करती है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण पर डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और उद्योग जगत को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि इस सफल परीक्षण से रुद्रम-II प्रणाली की भूमिका सशस्त्र बलों के लिए कई गुना बढ़ गई है (https://x.com/DefenceMinIndia/status/1795772960873107604).
डीआरडीओ द्वारा डेवलप की गई रुद्रम मिसाइल का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और भारत डायमेनिक्स (बीडीएल) मिलकर करती हैं. फिलहाल, इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है कि रुद्रम मिसाइल भारतीय वायुसेना में शामिल हुई है या नहीं. हालांकि, पिछले साल नवंबर में भारतीय वायुसेना ने रुद्रम के 1400 करोड़ के ऑर्डर के लिए रक्षा मंत्रालय को जानकारी दी थी.