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आतंक, खालिस्तानी आरोपी भी नई संसद का हिस्सा

देश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि संसद में कश्मीर और खालिस्तान से जुड़े आतंकी मामलों के आरोपी शामिल होंगे. एक है कश्मीर की बारामूला सीट से जीत कर आया निर्दलीय उम्मीदवार इंजीनियर रशीद और दूसरा है असम की ड्रिबगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी आतंकी अमृतपाल सिंह. साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह का बेटा सरबजीत सिंह भी इस संसद में पंजाब की फरीदकोट सीट से जीतकर आया है. 

हालांकि, सरबजीत पर कोई आपराधिक मामला नहीं है लेकिन अमृतपाल और रशीद इंजीनियर दोनों ही जेल के अंदर हैं. जेल से ही दोनों ने चुनाव लड़ा और भारी अंतर से जीत कर सांसद बने हैं. ऐसे में 18वीं लोकसभा के लिए जीते हुए सांसद जब शपथ-ग्रहण समारोह में पहुंचेगे तो इंजीनियर रशीद और अमृतपाल भी संसद में मौजूद होंगे. लेकिन जेल में बंद होने के चलते दोनों ही संसद की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बन पाएंगे. 

जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह वही खालिस्तान नेता है जिसकी गिरफ्तारी को लेकर साल 2023 में जमकर बवाल हुआ था. कई राज्यों के पुलिस अमृतपाल सिंह को तलाश रही थी और बेहद ही हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया था. असम की डिब्रूगब जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से चुनाव जीता है. “वारिस दे पंजाब” संगठन के नेता और जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने निर्दलीय रूप में खडूर साहिब सीट से 1.97 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की. अमृतपाल को पंजाब पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार किया है. 

पंजाब की फरीदकोट सीट से इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे की जीत हुई है. बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को हराकर जीत हासिल की है. सरबजीत सिंह खालसा ने पंजाब की फरीदकोट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार करमजीत सिंह अनमोल को 70 हजार से अधिक वोटों से हराया.

अमृतपाल और सरबजीत. दोनों की जीत ऐसे मौके पर हुई पर जब ऑपरेशन ब्लू स्टार को हुए 40 साल हो पूरे हो गए हैं. ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर 6 जून (गुरुवार) को ही मनाई गई है. 

कश्मीर की बारामूला सीट से जीत कर आए शेख अब्दुल रशीद का इंजीनियर बनने से लेकर आतंकियों की मदद करने के लिए जेल और अब सांसद बनने तक का एक लंबा विवादित सफर रहा है. कश्मीर में लोग उन्हें इंजीनियर रशीद के नाम से जानते हैं. रशीद ने दो लाख से ज्यादा मतों से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को बुरी तरह हराया है. रशीद, फिलहाल आतंकी फंडिंग मामले में राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. जेल जाने से पहले रशीद को कश्मीर में अलगाववादियों और पाकिस्तान के समर्थन के आरोप लगते रहे थे. उसे नेशनल न्यूज चैनल्स पर भी डिबेट इत्यादि में आतंकियों के समर्थन में बोलते हुए देखा जा सकता था. 

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