By Khushi Vijai Singh
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा इटली की होने जा रही है. इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर पीएम मोदी अगले हफ्ते (13-15 जून) जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पुगलिया (इटली) जाएंगे. इस दौरान मेलोनी के साथ-साथ उनकी मुलाकात अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन और दूसरे जी-7 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों से होगी.
प्रधानमंत्री मोदी रविवार यानी 9 जून को तीसरी बार शपथ लेने जा रहे हैं. लेकिन उनकों शपथग्रहण से पहले ही विदेश यात्राओं के निमंत्रण मिलने शुरु हो गए हैं. सबसे पहले उन्हें इटली की पीएम मेलोनी ने निमंत्रण भेजा है. पिछले साल जी-20 के दौरान जब मेलोनी भारत आईं तो उनकी पीएम मोदी से जबरदस्त केमिस्ट्री बैठ गई थी. दोनों की साथ में तस्वीरें और वीडियो सहित मीम भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हैं. इटली में भी जल्द चुनाव होने जा रहे हैं.
विदेश मंत्रालय ने इटली यात्रा के संबंध में एक बयान जारी करते हुए बताया कि ‘प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी से बात की और उन्हें इटली के पुगलिया में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया.’ इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी और जॉर्जिया मेलोनी के बीच मुलाकात होगी.
इस वर्ष इटली की अध्यक्षता में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में में वैश्विक आर्थिक परिदृश्य, जलवायु परिवर्तन, रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. G7 देशों में इटली के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, और जापान शामिल हैं. ये सभी दुनिया के सबसे विकसित और ताकतवर देशों की श्रेणी में शुमार हैं. यूरोपीय संघ (ईयू) भी इस सम्मेलन में उपस्थित रहेगा. पीएम मोदी को खास गेस्ट के तौर पर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है.
माना जा रहा है कि यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन सहित जी-7 के अन्य राष्ट्राध्यक्षों से भी मुलाकात करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी को, उनके व्यस्त कार्यक्रम जी7 शिखर सम्मेलन के अलावा, 15-16 जून को स्विट्जरलैंड में होने वाले यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन में भी औपचारिक रूप से आमंत्रित किया गया है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है. इस सम्मेलन में रूस को आमंत्रित नहीं किया गया है. ऐसे में पीएम मोदी के हिस्सा लेने की उम्मीद बेहद कम हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने चुनाव जीतने के बाद हालांकि प्रधानमंत्री मोदी से शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेने की अपील की थी.