क्या एक बार फिर से उसी गर्मजोशी से पीएम मोदी और जो बाइडेन की मुलाकात होगी, जैसे ठीक एक साल पहले हुई थी. ये सवाल इसलिए क्योंकि गुरपतवंत पन्नू मामला, रूस से तेल खरीदने, भारत के लोकसभा चुनावों पर बयानबाजी और सीएए को लेकर अमेरिकी टिप्पणी को लेकर भारत-अमेरिका के संबंधों में थोड़ी तल्खी है. ऐसे में इटली में मिलने वाले हैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. दोनों राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात प्रस्तावित है.
जी-7 की बैठक में जाने के लिए पीएम मोदी गुरुवार शाम इटली के लिए रवाना हो रहे हैं. इस दौरान मोदी इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. साथ ही सम्मेलन के अलावा अलग से जो बाइडेन और पीएम मोदी में मुलाकात हो सकती है.
अमेरिकी एनएसए ने जताई मुलाकात की उम्मीद
पीएम मोदी तीसरे कार्यकाल के पहले विदेशी दौरे पर इटली के पुगलिया जा रहे हैं. समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल होंगे. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि “इटली में आयोजित G7 समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हो सकती है. जेक सुलिवन ने कहा, “जब नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद का शपथ ग्रहण किया था, तो दोनों नेताओं के बीच कॉल पर बात हुई थी. बाइडेन ने पीएम मोदी को बधाई दी थी.” सुलिवन ने कहा, “हमें उम्मीद है कि दोनों नेताओं को एक-दूसरे से मिलने का अवसर मिलेगा. हालांकि ये पक्का नहीं है पर हमें उम्मीद है कि दोनों नेता की एक दूसरे से मुलाकात होगी. इस मुलाकात की औपचारिक पुष्टि भारतीय पक्ष पर निर्भर है.” खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले में अमेरिका के आरोपों के सवाल पर पीएम मोदी और बाइडेन में चर्चा होगी या नहीं, इसपर जेक सुलिवन ने कहा कि “नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच उच्च स्तर पर इस विषय पर बातचीत जारी रहेगी.”
जी 7 में आमने-सामने होंगे मोदी और जस्टिन ट्रूडो
इस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी शामिल होंगे. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा के बेबुनियाद आरोपों के बाद पहली बार जी-7 में मोदी और ट्रूडो आमने सामने होंगे. माना जा रहा है कि शिखर सम्मेलन से अलग पीएम मोदी-जस्टिन ट्रूडो में बातचीत की संभावना है. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने मुलाकात की संभावना से इनकार नहीं किया है. विनय क्वात्रा ने पीएम मोदी की इटली यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा भारत-विरोधी तत्वों को राजनीतिक स्थान प्रदान करता है. वे चरमपंथ और हिंसा की वकालत करते हैं. हमने बार-बार अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराया है. हम उनसे कड़ी कार्रवाई की उम्मीद करते हैं.”
यूक्रेन के राष्ट्रपति युद्ध के बारे में देंगे जानकारी
50 वां जी-7 शिखर सम्मेलन 13 से 15 जून तक इटली के अपुलिया (पुगलिया) क्षेत्र में बोर्गो इग्नाजिया के रिसॉर्ट में आयोजित किया गया है. जो बाइडेन, ऋषि सुनक, मैक्रों समेत कई राष्ट्राध्यक्ष इटली पहुंच चुके हैं. माना जा रहा है कि जी 7 सम्मेलन में यूक्रेन में भीषण युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाया रह सकता है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी अपने देश पर रूसी आक्रमण पर एक सेशन को संबोधित करेंगे.
जी-7 के बारे में जानिए
जी 7 विकसित देशों का संगठन है. इसका पूरा नाम ग्रुप ऑफ सेवन है. पहले ये जी-8 था पर रूस के इस संगठन से निकलने के बाद जी-7 हुआ. फिलहाल इसमें अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और जापान शामिल हैं. जी-7 को 1975 में 6 देशों ने मिलकर बनाया था जिसका मकसद आर्थिक विकास में मजबूती देना है.जी-7 की हर साल वैश्विक मुद्दों पर बैठक होती है. बारी-बारी से सदस्य देश जी-7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हैं. आर्थिक मुद्दों पर अपने शुरुआती फोकस से जी-7 धीरे-धीरे शांति और सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी, विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन समेत प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर समाधान खोजने के लिए विचार का एक मंच बन गया है. 1 जनवरी 2014 को इटली सातवीं बार जी-7 का अध्यक्ष बना है. पिछले पांच सालों से पीएम मोदी हर जी-7 की मीटिंग में हिस्सा ले रहे हैं. इस बार बाइडेन और मेलोनी के साथ-साथ मोदी वेटिकन के पोप जॉन पॉल से मुलाकात करेंगे.