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फिर रफाल सौदे पर हुई मोदी-मैक्रों में चर्चा ?

शुक्रवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात कर रहे थे तो राजधानी दिल्ली में दोनों देशों के डिफेंस डेलीगेशन रफाल लड़ाकू विमानों के मरीन वर्जन को लेकर चर्चा कर रहे थे. भारतीय नौसेना को 26 रफाल (मरीन) फाइटर जेट की जरूरत है जिसके कीमत और सौदे को लेकर दोनों देशों में बातचीत चल रही है. 

प्रधानमंत्री मोदी ने मैक्रों से गर्मजोशी से भरी मुलाकात के बाद अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि “एक वर्ष में यह हमारी चौथी बैठक है, जो यह दर्शाती है कि हम मजबूत भारत-फ्रांस संबंधों को कितनी प्राथमिकता देते हैं. हमारी बातचीत में रक्षा, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, एआई, ब्लू इकोनॉमी और कई अन्य विषयों पर चर्चा हुई. हमने इस बात पर भी चर्चा की कि युवाओं के बीच नवाचार और अनुसंधान को कैसे प्रोत्साहित किया जाए. मैंने उन्हें अगले महीने शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक की मेजबानी के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं.”

शुक्रवार को फ्रांसीसी सरकार और रफाल बनाने वाली कंपनी दासो का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल राजधानी दिल्ली पहुंचा है. जानकारी के मुताबिक, इस प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्रालय की ‘कोस्ट नेगोशिएशन कमेटी’ (सीएनसी) से रफाल (एम) से जुड़े सौदे को लेकर अहम बातचीत की है. 

फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल और सीएनसी, रफाल (एम) सौदे की कीमत, तकनीक और हथियारों को लेकर चर्चा कर रही है. रक्षा मंत्रालय की सीएनसी में भारतीय नौसेना के टॉप कमांडर भी शामिल हैं. वहीं फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल में दासो के अलावा हथियार मुहैया कराने वाली ‘थेल्स’ कंपनी के एग्ज्यूकेटिव मौजूद हैं. 

माना जा रहा है कि वायुसेना के 36 रफाल लड़ाकू विमानों की तरह ही रफाल (एम) भी ‘इंटरगर्वमेंटल डील’ (आईजीआई) यानी दोनों देशों की सरकार के बीच समझौते के तहत ही खरीदे जाएंगे. इस सौदे की कुल कीमत करीब 5.5 बिलियन यूरो यानी करीब 50 हजार करोड़ होने का अनुमान है. दासो कंपनी द्वारा रक्षा मंत्रालय को सौंपी अपनी बोली के बाद अब दोनों देशों की उच्च-स्तरीय कमेटी कीमत, हथियारों, एवियॉनिक्स और दूसरी शर्तों पर चर्चा करने जा रही है. 

भारतीय नौसेना का स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत, ‘आईएनएस विक्रांत’ बनकर तैयार हो चुका है. सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कोच्चि (केरल) में आईएनएस विक्रांत को नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल कर लिया गया था. लेकिन उस पर तैनात करने के लिए भारत के पास फिलहाल कोई मेरीटाइम फाइटर जेट नहीं है. ऐसे में कमीशनिंग समारोह में नौसेना के दूसरे एयरक्राफ्ट कैरियर, ‘आईएनएस विक्रमादित्य’ पर तैनात होने वाले फाइटर जेट, मिग-29के को विक्रांत पर तैनात किया गया था. यही वजह है कि नौसेना को जल्द से जल्द रफाल के मरीन वर्जन की दरकार है. माना जा रहा है कि सौदा तय होने के बाद रफाल (एम) का नेवल एयरबेस विशाखापट्टनम में होगा. 

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