स्पेस वारफेयर में स्टार्टअप द्वारा तैयार की गई तकनीक के इस्तेमाल के लिए रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना के लिए एक ‘मिनेचुराइज्ड सैटेलाइट’ बनाने का करार किया है. इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीएक्स) के तहत रक्षा मंत्रालय ने ‘स्पेसपिक्सल टेक्नोलॉजी लिमिटेड’ से ये करार किया है. करार के तहत स्पेसपिक्सल (स्टार्टअप) 150 किलोग्राम तक का पेलोड उठाने वाली छोटी (लघु) सैटेलाइट बनाएगी.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, स्पेसपिक्सल जो ‘मिनेचुराइज्ड सैटेलाइट’ भारतीय वायुसेना के लिए बनाएगी, वो इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल, इन्फ्रारेड, सिंथेटिक अपर्चर रडार और हाइपरस्पेक्ट्रल पेलोड उठाने में सक्षम होगी.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक आईडीएक्स के तहत ये 350वां करार है जो किसी स्टार्टअप से किया जा रहा है. मंगलवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर के वक्त रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और नवनियुक्त थलसेना प्रमुख (लेफ्टिनेंट) जनरल उपेंद्र द्विवेदी मौजूद थे. अपर सचिव (रक्षा उत्पादन) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रक्षा नवाचार संगठन (डीआईओ) अनुराग बाजपेयी और स्पेसपिक्सेल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक-सीईओ अवैस अहमद नदीम अलदुरी के बीच अनुबंध का आदान-प्रदान किया गया.
स्पेसपिक्सेल कंपनी, पृथ्वी से जुड़े ऑबर्जवेशन-डाटा (अवलोकन) प्रदान करने के लिए उच्च-रिज़ॉल्यूशन हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग उपग्रहों के निर्माण और प्रक्षेपण के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है. यही वजह है कि कंपनी को वायुसेना के लिए लघु सैटेलाइट बनाने की जिम्मेदारी दी गई है.
यह 350वां आईडीईएक्स अनुबंध स्पेस-इलेक्ट्रॉनिक्स में नवाचार को सक्षम बनाता है ताकि बड़े उपग्रहों पर तैनात कई पेलोड को अब लघु किया जा सके. मॉड्यूलर छोटे उपग्रह आवश्यकता के अनुसार कई लघु पेलोड को एकीकृत करेगा, जो तेजी से और किफायती परिनियोजन, निर्माण में आसानी, मापनीयता, अनुकूलन क्षमता और पर्यावरणीय के प्रभाव को कम करने जैसे लाभ प्रदान करेगा.
अपने संबोधन में, रक्षा सचिव ने प्रौद्योगिकी के विस्तार और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए नए रक्षा नवप्रवर्तकों की अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की. नवाचार के साथ स्वदेशीकरण के संयोजन के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि “घरेलू क्षमताएं प्रयोग और विकास के लिए एक मंच प्रदान करके नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सुदृढ़ आधार प्रदान करती हैं. नवाचार नई प्रौद्योगिकियों और समाधानों के निर्माण को प्रोत्साहन देकर स्वदेशीकरण को बढ़ावा देता है.” (https://x.com/SpokespersonMoD/status/1805574015987466344)
आईडीएक्स को वर्ष 2021 में शुरु किया गया था ताकि रक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप समुदाय को प्रोत्साहन दिया जा सके. ये प्रोजेक्ट वर्तमान में 400 से अधिक स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के साथ जुड़ा हुआ है. अब तक दो हजार करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 35 वस्तुओं की खरीद को स्वीकृति दी जा चुकी है. आईडीईएक्स ने रोजगार के कई अवसर सृजित किए हैं और रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
उधर ‘युद्ध और एयरोस्पेस रणनीति’ कार्यक्रम में बोलते हुए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीके चौधरी ने कहा कि “आधुनिक युद्ध की जरूरत है कि सैन्य अधिकारियों को न केवल युद्ध में निपुण होना चाहिए, बल्कि उनमें रणनीतिक सोच की क्षमता और उभरती जियोपोलिटिक्स (भू-राजनीतिक) परिदृश्य की समझ भी होनी चाहिए.”