संसद में एक बार फिर राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की है. राहुल गांधी ने बजट में अग्निवीरों के लिए पेंशन ने रखने के लिए निशाना साधा तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विरोध किया. राजनाथ सिंह ने कहा कि देश को गुमराह कर रहे हैं राहुल गांधी. लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने अग्निपथ योजना पर संसद में चर्चा करने की भरोसा दिया है.
राहुल गांधी ने बजट सत्र के दौरान सोमवार को फिर अग्निवीरों का मामला उठाया. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सहित एनएसए अजीत डोवल को देश में चक्रव्यूह रचने का आरोप लगाया. विपक्ष के नेता ने कहा कि अग्निवीर इस चक्रव्यूह में फंस कर रह गया है.
राहुल गांधी ने हालांकि, अग्निवीरों की पेंशन का मामला उठाया लेकिन हकीकत ये है कि अग्निपथ योजना में पेंशन की व्यवस्था नहीं है. चार साल की सेवा के बाद जो अग्निवीर रिटायर होंगे, उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी. चार साल के बाद वे 25 प्रतिशत अग्निवीर, जो (नियमित) सैनिक बनेंगे और स्थायी तौर से 15 साल की सेवाएं देंगे, उन्हें ही पेंशन मिल सकेगी.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अग्निपथ स्कीम को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बताया था. पीएम ने ऐसे मुद्दे के राजनीतिकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. पीएम का दावा था कि अग्निपथ स्कीम के जरिए सेना को युवा बनाने पर जोर दिया जाएगा और युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहेगी. (राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी है अग्निवीर योजना: पीएम मोदी)
वर्ष 2022 में सरकार ने नियमित सैनिकों की भर्ती पर रोक लगाकर अग्निपथ योजना को लागू किया था. इसके तहत सेना के तीनों अंगों में अब अग्निवीरों की भर्ती होगी. ये अग्निवीर चार साल तक सेना में रहेंगे. इसके बाद योग्यता के आधार पर मात्र 25 प्रतिशत अग्निवीरों को नियमित सैनिक बनाया जाएगा.
सेना से रिटायरमेंट के बाद (पूर्व) अग्निवीरों को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. साथ ही उन्हें फिजिकल टेस्ट देने की जरूरत भी नहीं होगा. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सहित 11 प्रदेशों ने अग्निवीरों को नौकरी में आरक्षण देने का भरोसा दिया है. इसके साथ ही डिफेंस पीएसयू में नौकरी के लिए वरीयता दी जाएगी.
सेना में पिछले दो सालों में करीब एक लाख अग्निवीरों की भर्ती हो चुकी है. इनमें से करीब 70 हजार अग्निवीर ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अलग-अलग यूनिट और फोर्मेशन्स में तैनात किए जा चुके है. ये अग्निवीर चीन और पाकिस्तान से सटी सीमा के साथ-साथ देश के अलग अलग हिस्सों में तैनात किए जा चुके हैं. (मिलिट्री टेक्नोलॉजी में अग्निवीरों का 30% बेहतर प्रदर्शन (TFA Exclusive))