बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और राजनीतिक भूचाल के बीच हत्या, हिंसा, आगजनी को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) बेहद गंभीर है. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम जल्द बांग्लादेश पहुंचेगी और प्रदर्शनों के दौरान हुई हत्याओं की जांच करेगी.
संयुक्त राष्ट्र की फैक्ट फाइंडिंग टीम को लेकर खुद अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने जानकारी दी है. 1971 यानी बांग्लादेश बनने के बाद पहली बार बांग्लादेश पहुंचेगी संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की टीम.
बांग्लादेश का दौरा करेगी यूएन की फैक्ट फाइंडिंग टीम
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर बताया है कि ” संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने फोन किया है. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक टीम जल्द ही हत्याओं की जांच करने के लिए देश का दौरा करेगी. फैक्ट फाइंडिंग टीम अगले सप्ताह तक बांग्लादेश पहुंचेगी. यूएन की टीम जुलाई के महीने और अगस्त के पहले सप्ताह में हुई छात्रों के खिलाफ हिंसा की जांच करेगी.”
53 साल बाद पहली बार बांग्लादेश में यूएन की टीम
जुलाई की शुरुआत से ही बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन हिंसक हो गया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. उग्र हिंसा तत्कालीन राष्ट्रपति शेख हसीना के घर तक पहुंच गई थी. प्रदर्शनकारियों की कई बार पुलिस से झड़प हुई. गोलीबारी हुई. इस दौरान 500 से ज्यादा लोग मारे गए. शेख हसीना ने 5 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया था.
संयुक्त राष्ट्र बांग्लादेश के साथ एकजुट है: वोल्कर टर्क
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा है कि “मोहम्मद यूनुस के साथ फोन पर बातचीत हुई. मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि यूएन मानवाधिकार बांग्लादेश के लोगों के साथ एकजुट है और इस महत्वपूर्ण समय में अंतरिम सरकार को हमारा समर्थन है. एक समावेशी, मानवाधिकार-केंद्रित दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करेगा कि यह परिवर्तन सफल हो.”
छात्रों के मानवाधिकार या शेख हसीना पर शिकंजे की तैयारी?
बांग्लादेश में शेख हसीना समेत 7 पर हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है. किराना दुकानदार समेत छात्र की हत्या में आरोपी बनाया गया है. वहीं बुधवार को बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की जांच एजेंसी में भी एक शिकायत दर्ज की गई, जिसमें शेख हसीना और आठ अन्य के खिलाफ छात्रों के जन आंदोलन के दौरान नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया गया. माना जा रहा है कि यूएन की टीम के दौरे से शेख हसीना की अंतरराष्ट्रीय मंच पर मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
विरोध प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेशी सुरक्षाबल यूएन मार्किंग लिखी मिलिट्री व्हीकल का इस्तेमाल करते हुए भी दिखाई पड़े थे.
यूएन को दिखेगा हिंदुओं का दर्द?
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचारों पर यूनएचआरसी से सख्त एक्शन लेने की मांग की गई है. आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने यूनएचआरसी से बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने की अपील की है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार हाल ही में महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार से कहा है कि “अल्पसंख्यकों और हिंदुओं की आवाज का सम्मान करें.” अगर अंतरिम सरकार और बांग्लादेश सेना के चीफ हिंदुओं पर हमलों के आंकड़े छिपाएंगे तो फिर इंसाफ और सम्मान की क्या उम्मीद की जाए ?