रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय पोलैंड और यूक्रेन के दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैंड में रहेंगे तो 23 अगस्त (शुक्रवार) को यूक्रेन जाएंगे. रूस-यूक्रेन के युद्ध के बीच चौथी बार पीएम मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे. ये मीटिंग इसलिए अहम है, क्योंकि जेलेंस्की ने पीएम मोदी के पुतिन से गले मिलने पर सवाल खड़े किए थे. वहीं पीएम मोदी ऐसे वक्त में कीव पहुंचेंगे जब यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क इलाके के एक बड़े हिस्सा पर कब्जा कर लिया है.
पोलैंड रवाना हुए पीएम मोदी
बुधवार की सुबह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड रवाना हुए. पिछले 45 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली पोलैंड यात्रा है. भारत से रवाना होने से पहले मोदी ने कहा, “मैं पोलैंड और यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा पर जा रहा हूं. पोलैंड के साथ राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरा होने के मौके पर मेरी यह यात्रा हो रही है. पोलैंड मध्य यूरोप का हमारा आर्थिक साझेदार है.”
पीएम मोदी का पोलैंड की राजधानी वारसा में स्वागत होगा. इसके बाद मोदी पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा से मुलाकात करेंगे और फिर प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ द्विपक्षीय बैठक में शामिल होंगे.
भारत और पोलैंड के बीच संबंध 40 के दशक से हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के समय पोलैंड की छह हजार से ज्यादा महिलाओं और बच्चों ने भारत की दो रियासतों जामनगर और कोल्हापुर में शरण ली थी. पीएम मोदी जामनगर और कोल्हापुर के महाराजाओं के स्मारकों का दौरा भी करेंगे. ये स्मारक, भारत और पोलैंड के बीच ऐतिहासिक संबंधों की निशानी है.
भारत दुनिया की आवाज: पोलैंड के राजदूत
पीएम मोदी के वारसा दौरे पर पोलैंड के राजदूत सेबेस्टियन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “भारत दुनिया की आवाज है. पीएम मोदी की यात्रा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ताकतवर संदेश देगी कि भारत शांति के पक्ष में हैं. उनकी यात्रा के दौरान, तकनीक, डिफेंस और सुरक्षा, बातचीत के अहम मुद्दे रहेंगे.”
पोलैंड से ट्रेन के जरिए जा सकते हैं कीव
पीएम मोदी 23 अगस्त को पोलैंड से यूक्रेन जाएंगे. हैरान करने वाली बात ये है कि पीएम मोदी पोलैंड से 10 घंटे की ट्रेन यात्रा करके कीव पहुंचेंगे. दरअसल रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बड़े पैमाने पर एयरपोर्ट बंद है. ऐसे में स्पेशल ट्रेन रेल फोर्स वन से पीएम मोदी पोलैंड से कीव पहुंचेंगे. स्पेशल ट्रेन रेल फोर्स में पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कूल्ज भी यात्रा कर चुके हैं. रूस-यूक्रेन जंग के बीच पीएम मोदी का ये दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कुछ महीने पहले पीएम मोदी को यूक्रेन आने का न्योता दिया था.
रूस-यूक्रेन के युद्ध रोकने के लिए भारत की मध्यस्थता!
पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा कूटनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के अलावा अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी समेत कई देशों के प्रमुख कई बार कह चुके हैं कि “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की पहल करनी चाहिए.” अधिकतर देशों ने रूस-यूक्रेन के बीच मध्यस्थता के लिए मोदी को सबसे बेहतर विकल्प माना है. क्योंकि व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी अच्छे दोस्त हैं.
पीएम मोदी ने जुलाई में ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी. पुतिन से पीएम मोदी की मुलाकात जेलेंस्की से इटली में मिलने के बाद हुई थी. 14 जून को जेलेंस्की और मोदी की मुलाकात जी-7 समिट के दौरान हुई थी. पीएम मोदी ने यूक्रेन दौरे से पहले लिखा है, “
राष्ट्रपति जेलेंस्की के निमंत्रण पर मैं यूक्रेन जा रहा हूं. यह यात्रा उनके साथ पहले की चर्चाओं को आगे बढ़ाने और भारत-यूक्रेन मित्रता को और गहरा करने का अवसर होगा. हम चल रहे यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर भी अपने विचार साझा करेंगे. एक मित्र और साझेदार के रूप में, हम इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र वापसी की आशा करते हैं.”
पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान युद्ध खत्म करके बातचीत करने पर चर्चा की थी, माना जा रहा है कि पीएम मोदी अब यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के सामने कुछ प्रस्ताव रख सकते हैं. पीएम मोदी भी अलग-अलग मंच पर कई बार कह चुके हैं कि “रूस और यूक्रेन के बीच शांति होनी चाहिए. क्योंकि ये युग युद्ध का नहीं है.”
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