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जेलेंस्की को बड़ा राजनीतिक झटका, कुलेबा समेत आधा दर्जन मंत्रियों का इस्तीफा

रूस के ताबड़तोड़ हमलों के बीच यूक्रेन की जेलेंस्की सरकार को बड़ा झटका लगा है. राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के अमेरिका दौरे के ठीक पहले यूक्रेन के हथियार प्रमुख समेत पांच मंत्रियों ने इस्तीफा देकर सरकार को हिला दिया है. साथ ही सेना प्रमुख ने ड्रोन वारफेयर के प्रमुख को रूस से संबंध रखने के आरोप में बर्खास्त कर दिया है.  यूक्रेन के विदेश मंत्री द्विमित्रो कुलेबा के भी इस्तीफा देने के कयास लग रहे हैं.  

घरेलू हथियार उत्पादन की देखरेख करने वाले मंत्री ओलेक्सांडर कमिशिन ने सरकार पुनर्गठन में इस्तीफा दे दिया है. साथ ही, न्याय मंत्री डेनिस मलियुस्का और पर्यावरण मंत्री रुस्तलान स्ट्रिलेट्स ने भी अपना पद छोड़ दिया है. पांच मंत्रियों ने त्यागपत्र देकर जेलेंस्की को बीच मझधार छोड़ दिया है.

जेलेंस्की का साथ छोड़ रहे मंत्री
रूस के घातक हमलों के बीच एक साथ यूक्रेनी मंत्रियों के इस्तीफे ने राष्ट्रपति जेलेंस्की के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. जिन मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है उनमें डिप्टी प्रधानमंत्री ओल्हा स्टेफनीशिना, स्ट्रेटेजिक इंडस्ट्रीज मंत्री ओलेक्सांडर कामिशिन, न्याय मंत्री डेनिस मालियुस्का, पर्यावरण मंत्री रुस्तलान स्ट्रिलेट्स और पुनः एकीकरण मंत्री इरीना वेरशचुक शामिल हैं. इसके अलावा, राज्य संपत्ति कोष (एसपीएफयू) के प्रमुख विटालिय कोवल ने भी पदभार संभालने के नौ महीने बाद इस्तीफा दे दिया.

हालांकि मंत्रियों ने इस्तीफा क्यों दिया, इसके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो जेलेंस्की बाइडेन को विक्ट्री प्लान सौंपने से पहले अपने कैबिनेट में फेरबदल करना चाहता हैं. ऐसे में जेलेंस्की के कई मंत्रालय बिना मंत्रियों के हो गए हैं. यूक्रेन के विपक्षी सांसद जेलेंस्की के इस्तीफे की मांग भी करने लगे हैं.

घरेलू स्तर पर हथियार उत्पादन की देखरेख करने वाले ओलेक्सांडर ने अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए लिखा है कि “मैं रक्षा क्षेत्र में काम करना जारी रखूंगा, लेकिन एक अलग भूमिका में.”

जेलेंस्की के करीबी दिमित्री कुलेबा का इस्तीफा?
अब खबर आई है कि यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने भी इस्तीफा देकर सबको हैरान कर दिया है. दिमित्री कुलेबा यूक्रेन के वो विदेश मंत्री हैं, जो युद्ध के शुरुआत से ही जेलेंस्की के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं. महात्मा गांधी के विचारों की बात करके भारत के दौरे पर भी आए थे और युद्ध में भारत का समर्थन मांगा था. अब बताया जा रहा है कि दिमित्री कुलेबा ने भी अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है.

दिमित्री कुलेबा ने कीव में एक संसद वेरखोव्ना राडा को भेजे गए एक पत्र में अपना इस्तीफा सौंप दिया है.चेंबर के स्पीकर रुस्लान स्टेफनचुक ने फेसबुक संदेश में इसकी घोषणा की. स्टेफनचुक ने लिखा, “वेरखोव्ना राडा को यूक्रेन के विदेश मंत्री से उनके इस्तीफे के बारे में एक बयान मिला है जिस पर “संसद के अगले पूर्ण सत्र में विचार किया जाएगा.”

डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ बर्खास्त
जेलेंस्की ने अपनी सेना के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ (अनमैन्ड सिस्टम) रोमन गेलेडकी को भी बर्खास्त कर दिया है. राष्ट्रपति के औपचारिक वेबसाइट पर बर्खास्त करने की खबर दी गई है. माना जाता है कि रोमन के संबंध रूस से थे. क्योंकि उनकी पत्नी के पास रूसी पासपोर्ट है और उनकी बेटी ने रूसी झंडे तले एक अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया.

पिछले सप्ताह ही जेलेंस्की ने वायुसेना प्रमुख को भी हटा दिया था. वायुसेना प्रमुख पर अमेरिकी विमान एफ-16 के क्रैश होने के बाद लिया गया था. तो पिछले साल भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद जेलेंस्की ने अपने रक्षा मंत्री को बर्खास्त कर दिया था.

अमेरिका जाने वाले हैं जेलेंस्की
इसी महीने जेलेंस्की अमेरिका जाकर राष्ट्रपति जो बाइडेन के सामने रूस पर जीत का विक्ट्री प्लान पेश करने वाले हैं. ऐसे वक्त में अपनी टीम में खाली पड़े पदों को भरना सबसे कठिन चुनौती बन गई है. अमेरिका दौरे से पहले जेलेंस्की की कोशिश होगी कि सरकार को दोबारा से संगठित कर सकें.

वहीं यूक्रेन के रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि “युद्ध समाप्त नहीं हो रहा है.कई इलाकों में जेलेंस्की की सेना हार रही है. युद्ध में यूक्रेन को झटके पर झटके लग रहे हैं.”

सोमवार को खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जेलेंस्की पर उनकी सरकार को लेकर तंज कसते हुए कहा था कि “जेलेंस्की इसलिए युद्ध नहीं खत्म करना चाहते क्योंकि वो जानते हैं कि दोबारा सत्ता में नहीं आ पाएंगे.”

रूस रख रहा है यूक्रेन के राजनीतिक हालात पर नजर
पुतिन के मीडिया एडवाइजर के मुताबिक, यूक्रेन में जेलेंस्की की कैबिनेट के मंत्रियों के इस्तीफे और सैन्य अफसरों की बर्खास्तगी पर रूस नजर रखे हुए है.

कुछ हफ्ते पहले ही पुतिन ने जेलेंस्की को यूक्रेन का कानूनी तौर से राष्ट्रपति मानने से इंकार कर दिया था. क्योंकि यूक्रेन के राष्ट्रपति के तौर पर जेलेंस्की का कार्यकाल खत्म हो चुका है. लेकिन युद्ध के चलते आम चुनाव नहीं कराए गए हैं.

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