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Theaterisation से पहले बनेंगे साझा मिलिट्री कमांड एंड कंट्रोल सेंटर

देश में थिएटर कमांड बनाए जाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए सेना के तीनों अंग अब साझा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाने की तैयारी कर रहे हैं. लखनऊ में पहली बार आयोजित की जा रही ज्वाइंट कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (जेसीसी) के दौरान इन साझा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को लेकर सीडीएस जनरल अनिल चौहान और सेना के तीनों अंगों के प्रमुख सहित सभी टॉप मिलिट्री कमांडर्स में सहमति बन गई है. गुरुवार को इस प्रस्ताव को गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने पेश किया जाएगा.

लखनऊ में दो दिवसीय (4-5 सितंबर) जेसीसी के पहले दिन सभी टॉप मिलिट्री कमांडर्स ने ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ थीम पर चर्चा की. इस सम्मेलन का उद्देश्य, ऑपरेशन परिप्रेक्ष्य में लगातार हो रहे बदलाव के चलते सशस्त्र सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के ट्रांसफॉर्मेशन लाना है. इसके लिए सेना के तीनों अंगों में एकीकरण और गठजोड़ बेहद जरूरी है ताकि मिलिट्री ऑपरेशन्स को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जा सके.

इस दौरान सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीडीएस जनरल चौहान ने कहा कि थियेटर कमांड से पहले ‘ज्वाइंट कल्चर’ बेहद जरुरी है. इसीलिए एकीकरण के लिए ‘एक-एक कदम’ चलना होगा. इसमें सेनाओं का आधुनिकीकरण और कॉम्बैट रेडी बेहद जरूरी है ताकि ‘सामरिक-स्वायत्ता’ को पाया जा सके.

फिलहाल, सेना के तीनों अंगों की अलग-अलग 17 कमांड हैं. इन सभी के अपने-अपने अलग-अलग कमांड एंड कंट्रोल सेंटर हैं. ऐसे में कई बार मिलिट्री ऑपरेशन से जुड़े निर्णयों में ओवरलेप से लेकर एक-दूसरे के मिशन के बारे में जानकारी ने मिलने से खासी दिक्कत सामने आती हैं. ऐसे में थियेटर कमांड से पहले साझा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाने पर जोर दिया जा रहा है. जेसीसी सम्मेलन में हालांकि, साझा कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स को लेकर जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए जाने पर जोर दिया.

गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री के सीनियर अधिकारी भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और थियेटर कमांड के लिए सीडीएस और सेना के तीनों अंगों द्वारा किए गए प्रयासों की समीक्षा करेंगे. साथ ही दुनियाभर में तेजी से बदलती जियो-पॉलिटिक्स पर गहन चर्चा की जाएगी.