यूक्रेन में राजनीतिक उथल पुथल के बीच वार-फ्रंट से एक बड़ी खबर सामने आई है. रूस ने मध्य यूक्रेन के पोल्टावा में मिलिट्री एजुकेशन इंस्टीट्यूट पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला कर दर्जनों सैनिकों को मार गिराया है. खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मरने वालों का आंकड़ा 50 बताया है. माना जा रहा है कि इस हमले में बड़ी संख्या में यूक्रेन सेना में शामिल होने की तैयारी कर रहे विदेशी लड़ाके (किराये के सैनिक) हताहत हुए हैं. घायलों की संख्या 300 तक पहुंच गई है.
पिछले ढाई साल में ये पहली बार ऐसा हुआ है कि रूस ने यूक्रेन के किसी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को निशाना बनाया है. एक ही हमले में बड़ी संख्या में विदेशी लड़ाकों के मारे जाने की भी ये पहली घटना मानी जा रही है. रूसी सेना से जुड़े जानकारों का दावा है कि
पोल्टावा में यूक्रेनी सेना के शैक्षणिक संस्थान में हुए हमले में 700 विदेशी सैनिकों की जान गई है. रूस ने हालांकि, इस हमले को लेकर कोई आधिकारिक बयान अभी तक जारी नहीं किया है.
पोल्टावा में रूस की इस्कंदर मिसाइल का हमला मंगलवार को सामने आया था. हमले के तुरंत बाद जेलेंस्की और उनकी पत्नी का आधिकारिक बयान सामने आया था. जेलेंस्की ने हमले पर दुख जताते हुए अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों से अधिक एयर-डिफेंस मिसाइल सिस्टम की मांग की.
हालांकि, अमेरिका ने पैट्रियाट जैसी एयर डिफेंस मिसाइल यूक्रेन को सप्लाई की हैं लेकिन रूस से सटा एक लंबा बॉर्डर होने के चलते जेलेंस्की को इसकी कमी खली रही है.
जानकारी के मुताबिक, रूस ने कम से दो इस्कंदर मिसाइल से पोल्टावा में यूक्रेन के मिलिट्री इंस्टीट्यूट पर हमला किया. हमले के बाद इंस्टीट्यूट की बिल्डिंग को काफी नुकसान हुआ और माना जा रहा है कि अभी भी यूक्रेनी (या विदेशी) सैनिक मलबे में दबे हुए हैं. इसके अलावा
पोल्टावा शहर में भी रूसी हमले की रिपोर्ट सामने आई हें. दरअसल, यूक्रेनी सेना में बड़ी संख्या में विदेशी लड़ाके शामिल हुए हैं. पैसों के लिए या फिर किन्हीं और कारणों से बड़ी तादाद में अमेरिका, पौलेंड, जर्मनी इत्यादि देशों के लड़ाके रूस के खिलाफ जंग लड़ने पहुंचे हैं. रूस का आरोप है कि इन विदेशी लड़ाकों के दम पर ही यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क में हमला कर 1200 वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर लिया है.
हाल ही में टीएफए ने इस बात का खुलासा किया था कि फरवरी 2022 के बाद से लेकर अब तक यूक्रेन की तरफ से करीब 13 हजार (13,196) विदेशी लड़ाके रुस के खिलाफ लड़ने के लिए जंग के मैदान में पहुंचे हैं. इनमें से 5878 की जान चुकी है. मरने वालों में एक भारतीय नागरिक भी शामिल है. (यूक्रेन में 14 भारतीय लड़ रहे हैं जंग, एक की हो चुकी है मौत (TFA Exclusive))
इनमें से बड़ी संख्या में वे विदेशी लड़ाके हैं जो अपने-अपने देशों की स्पेशल फोर्सेज में सेवाएं दे चुके हैं. लेकिन अलग-अलग देशों के होने के कारण उनकी भाषा और बोलचाल अलग अलग होती है. ऐसे में फ्रंटलाइन में सीधे उतारने से पहले, इन सभी को यूक्रेनी, इंग्लिश और रूसी भाषाओं का ज्ञान दिया जाता है ताकि कम्युनिकेशन में आसानी हो. ऐसे में बहुत हद तक संभव है कि पोल्टावा के मिलिट्री एजुकेशन इंस्टीट्यूट में इन विदेशी लड़ाकों की ट्रेनिंग चल रही है.
रूस का आरोप है कि यूक्रेन के इस इंस्टीट्यूट में विदेशी इंस्ट्रक्टर कार्यरत थे जो यूक्रेनी सैनिकों को कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रोनिक वारफेयर और ड्रोन ऑपरेशन्स की ट्रेनिंग दे रहे थे.
हालांकि, मिलिट्री इंस्टीट्यूट में अंडरग्राउंड बंकर थे लेकिन रूस की इस्कंदर मिसाइल के हमले के दौरान उन्हें इतना मौका नहीं मिल पाया कि बच सकें. यही वजह है कि दर्जनों की तादाद में सैनिक हताहत हुए हैं. यूक्रेन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, करीब 300 सैनिक जख्मी हुए हैं. हालांकि, ये कीव की तरफ से आधिकारिक तौर से ये साफ नहीं किया गया है कि हताहत हुए सैनिक, यूक्रेनी सेना से ताल्लुक रखते हैं यहां विदेशी लड़ाके थे.