पुलिस कस्टडी से बाहर आने के बाद पहली बार अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव ने फ्रांसीसी सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई है. पावेल ने आरोप लगाया कि स्मार्टफोन से पहले के युग के कानूनों के जरिए एक (सोशल मीडिया) प्लेटफॉर्म के सीईओ को किसी थर्ड पार्टी के अपराध के लिए दोष लगाना बेहद साधारण एप्रोच है.
पावेल ने सफाई देते हुए कहा कि टेलीग्राम का आधिकारिक प्रतिनिधि यूरोपीय यूनियन (ईयू) में है और ईयू से मिलने वाली सभी अनुरोध का जवाब दिया जाता है. इसके अलावा टेलीग्राम प्लेटफॉर्म पर भी सभी लीगल एजेंसियों के लिए एक ईमेल दिया हुआ है.
पावेल ने कहा कि फ्रांसीसी पुलिस ने मुझे इसलिए चार दिनों तक कस्टडी में रखा, क्योंकि टेलीग्राम का दुरुपयोग करने वाले लोगों की तरफ से मेरे प्लेटफॉर्म ने कोई जवाब नहीं दिया था. वाकई ये बेहद हैरान करने वाला है.
पावेल ने कहा कि दुबई में रहते हुए मैं कई बार गेस्ट के तौर पर फ्रांसीसी दूतावास गया था. यहां तक मैंने फ्रांस में आतंकवाद के खतरे को देखते हुए एक हॉटलाइन स्थापित करने का ऑफर भी दिया था. ऐसे में फ्रांसीसी सरकार कई तरीकों से मुझे से संपर्क कर सकती थी (बजाए गिरफ्तार करने के).
पावेल के मुताबिक, अगर इनोवेटर्स को इस तरह नाहक परेशान किया जाएगा तो कोई नई तकनीक ईजाद नहीं करेगा.
पावेल ने कहा कि मैंने रूस तक को अपने सर्विलांस के इरादे से प्लेटफार्म की ‘इंक्रिप्शन की’ देने से इंकार कर दिया था. इसके लिए टेलीग्राम को रूस में बैन तक कर दिया गया था.
पिछले महीने की 25 तारीख को फ्रांसीसी पुलिस ने पावेल पर धोखाधड़ी के साथ-साथ ड्रग्स तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और बच्चों के शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया था. फ्रांसीसी पुलिस का आरोप है कि पावेल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संगीन अपराधों को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए थे. जबकि पावेल पहले आरोप लगा चुके थे कि पश्चिमी देश उनपर टेलीग्राम में ‘बैकडोर एक्सिस’ की मांग कर रहे हैं ताकि वे यूजर्स पर नजर रख सकें.
पावेल को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वो अजरबैजान की राजधानी बाकू से अपने चार्टर्ड प्लेन से पेरिस के करीब ब्रोगेट एयरपोर्ट पहुंचा था.
रूस में जन्मे पावेल ने वर्ष 2013 में अपना देश छोड़कर यूएई की नागरिकता ले ली थी. टेलीग्राम से पहले पावेल ने ‘वीके’ नाम का एक रूसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तैयार किया था. रूसी सरकार इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल को लेकर पावेल से जानकारी लेना चाहती थी. पावेल ने मना किया तो उसे देश छोड़ना पड़ा.
गुरूवार को एक सवाल के जवाब में रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हैरान जताते हुए कहा था कि उन्हें ये नहीं मालून था कि पावेल मॉस्को में नहीं बाकू में रहता है.
रूस छोड़ने के बाद पावेल ने ‘टेलीग्राम’ एप लॉन्च किया. हालांकि, शुरुआत में ये ज्यादा पॉपुलर नहीं हुआ. लेकिन फऱवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरु होने के बाद जैसे ही पश्चिमी देशों ने रूस में सोशल मीडिया एप्लीकेशन को बैन किया, टेलीग्राम की प्रसिद्धी बढऩे लगे.
रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान टेलीग्राम ‘वर्चुअल बैटलफील्ड’ बन गया. यहां तक की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दफ्तर क्रेमलिन तक ने अपना अकाउंट उस पर बना लिया. इसके साथ ही रूसी विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय तक ने आधिकारिक जानकारी देने के लिए टेलीग्राम को चुना. रूस और पूर्व सोवियत संघ देशों में टेलीग्राम का ग्राफ तेजी से बढ़ा है.
रूस के इंफोर्मेशन वारफेयर का काउंटर करने के लिए यूक्रेन ने भी टेलीग्राम पर युद्ध से जुड़ी जानकारी, तस्वीरें और वीडियो साझा करना शुरू कर दिए. माना जाता है कि इस वक्त टेलीग्राम पर करीब करीब 100 करोड़ (950 मिलियन) यूजर्स हैं.
हाल ही में फॉर्च्यून मैगजीन ने पावेल को दुनिया के सबसे अमीर शख्स की श्रेणी में 120वां स्थान दिया था. पावेल की कुल संपत्ति करीब 15.5 बिलियन डॉलर है. उसे आज एलन मस्क की तरह है टेक-मुगल के नाम से जाना जाता है. लोग उसे रूस का ‘मार्क जुकरबर्ग’ के नाम से बुलाते हैं. यही वजह है कि एक्स के मालिक एलन मस्क ने पावेल को रिहा करने की मांग की थी.
फ्रांसीसी पुलिस की कस्टडी में चार दिन रहने के बाद पेरिस की एक कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया था. लेकिन उसके फ्रांस छोड़ने पर रोक लगा दी गई है.