ये सुनकर हैरानी होगी कि दुनिया की सबसे तेज तर्रार मानी जाने वाले अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए में ही चीन ने लगा ली सेंध. एक पूर्व सीआईए अधिकारी जो सालों साल तक अमेरिका के लिए काम करने का दम भरता रहा, वो असल में था एक चीनी जासूस. उस चीन का जासूस जिसकी अमेरिका से विश्व शक्ति बनने की होड़ मची रहती है.
अमेरिका के एक पूर्व सीआईए अधिकारी को 10 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई है, जो चीन के लिए जासूसी करता था. 71 वर्षीय अलेक्जेंडर युक चिंग मा ने मई में फेडरल प्रॉसीक्यूटर्स के साथ दोषी याचिका को लेकर एक डील की थी. इस समझौते के तहत अलेक्जेंडर को दोषी ठहराए जाने के बदले में 10 साल की सज़ा की सिफारिश पर सहमति बनी थी.
मातृभूमि चीन, कर्मभूमि अमेरिका, किसका दिया साथ?
अलेक्जेंडर युक चिंग मा का जन्म चीन के हॉंगकॉंग में हुआ था लेकिन साल 1968 में होनोलुलु चले गए और 1975 में अमेरिकी नागरिक बन गए. अलेक्जेंडर ने साल 2020 में अंडरकवर एफ़बीआई एजेंट के सामने अमेरिका की गोपनीय जानकारियां चीन पहुंचाने की बात स्वीकार की थी. जिसके बाद अगस्त 2020 में अलेक्जेंडर को गिरफ़्तार कर लिया गया था.
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, अलेक्जेंडर ने 1982 से लेकर 1989 के बीच सीआईए में और फिर एफबीआई में काम किया था. एलेक्जेंडर युक चिंग मा ने सीआईए एजेंट रहे अपने एक रिश्तेदार के साथ साठगांठ की थी और शाघाई स्टेट सिक्युरिटी ब्यूरो में मौजूद इंटेलिजेंस अफसरों तक गोपनीय सूचनाएं पहुंचाईं.
अलेक्जेंडर युक चिंग मा हांगकांग में एक बैठक के दौरान के रिकॉर्डेड वीडियो में सीक्रेट जानकारियों के बदले मिले 50,000 डॉलर नकदी को गिनते देखा गया था. उसके बाद उससे पूछताछ की गई थी.
तकरीबन 2 साल बाद चिंग मा ने एफबीआई के होनोलुलू ऑफिस में कॉन्ट्रैक्स लिंग्विस्ट की नौकरी के लिए आवेदन दिया. तब तक अमेरिकी अधिकारियों को यह पता चल गया था कि वह चीन के खुफिया अधिकारियों के साथ मिलीभगत है. अमेरिकी अधिकारियों ने चिंग मा को साल साल में FBI के कॉन्ट्रैक्स लिंग्विस्ट के पद पर नौकरी दी.
कोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि “अलेक्जेंडर युक चिंग मा ने साल 2004 में हवाई में रहते हुए एफबीआई को ज्वॉइन किया था. एफ़बीआई को पहले से ही उसपर शक था. इसलिए काम पर रखा गया ताकि उसकी निगरानी की जा सके और ये पता लगाया जा सके कि वो कैसे काम करता है.”
एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान एफबीआई का एक अंडरकवर एजेंट चिंग मा से चीनी खुफिया अधिकारी के तौर पर मिला. चिंग मा ने एफबीआई के इस एजेंट के सामने यह कबूल किया कि उसे खुफिया जानकारियों के एवज में हजारों डॉलर कैश चीन से मिलते हैं. साथ ही उसने एजेंट से कहा कि “वह अपनी ‘मातृभूमि’ को जीतता हुआ देखना चाहता है.”
समझौते के तहत 10 साल की हुई सजा
एक समझौते के तहत दायर अपनी याचिका में अलेक्जेंडर युक चिंग मा ने ये कहा कि “वो बाकी की ज़िंदगी अभियोजन पक्ष के साथ सहयोग करेंगे, जिसमें सरकारी एजेंसियों के सवालों का जवाब देना शामिल था. पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए भी हामी भरी थी.”
एफबीआई के होनोलुलू के स्पेशल एजेंट इन चार्ज स्टीवन मेरिल ने चिंग मा को सजा सुनाए जाने के बाद कहा है कि, ‘अगर कोई भी ऐसा धोखा करने को लिए सोचता है तो यह उसके लिए संदेश है कि चाहे कुछ भी हो जाए, चाहे कितना ही लंबा समय लग जाए लेकिन न्याय होकर रहेगा.’