प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूएस दौरे से ऐन पहले अमेरिकी कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसएस) अजीत डोवल के समन पर विदेश मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाया है. विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की इस कार्रवाई को पूरी तरह अनुचित बताया है.
भारत के मोस्ट-वांटेड खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर अमेरिका के बेबुनियाद आरोपों ने अब हद पार कर दी है. अमेरिका की एक कोर्ट ने पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप में भारत के एनएसए अजीत डोवल, पूर्व रॉ चीफ सामंत गोयल, मामले के आरोपी निखिल गुप्ता और रॉ के अधिकारी ‘विक्रम यादव’ को समन जारी किया है. एनएसए अजीत डोवल के खिलाफ ऐसे वक्त में समन जारी किया गया है जब पीएम मोदी शनिवार को अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं.
समन जारी होने का विदेश मंत्रालय ने कड़ा विरोध जताते हुए अदालत की प्रक्रिया को पूरी तरह से अनुचित बताया है. विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जब ये मामला सरकार के संज्ञान में आया था तो कार्रवाई की गई है.
राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधि में लिप्त है पन्नू: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने अमेरिकी कोर्ट के समन पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “पहले मैं इस शख्स के बारे में बताना चाहता हूं, गुरपतवंत सिंह पन्नू जिस संगठन को चलाता है, वो गैरकानूनी संगठन है. इस संगठन को यूएपीए के तहत प्रतिबंध लगाया गया है, क्योंकि संगठन राष्ट्र विरोधी और विध्वंसक गतिविधि में लिप्त है. अब जब ये विशेष मामला दर्ज हो गया है तो हम अपना विचार नहीं बदलेंगे. हमने हमेशा से कहा है कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं. इस शख्स का इतिहास सभी को पता है.”
अमेरिका की कस्टडी में है निखिल गुप्ता
पिछले साल चेक गणराज्य में निखिल गुप्ता नाम का एक व्यापारी गिरफ्तार किया गया था. निखिल गुप्ता पर आरोप है कि उसने रॉ के अधिकारी विक्रम यादव के कहने पर पन्नू के हत्या की साजिश रची थी. निखिल ने जिस शूटर को सुपारी दी हालांकि, वो एक एफबीआई का एजेंट निकला. जिसके बाद एफबीआई के कहने पर निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से गिरफ्तार किया था.
चेक गणराज्य ने निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण अमेरिका को कर दिया है. निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद अमेरिका ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए. यहां तक कि अमेरिका का दावा है कि पिछले साल जून में जब पीएम मोदी अमेरिका के दौरे पर आए थे, तब भी जो बाइडेन ने इस मामले को उठाया था और जी 20 की बैठक में जब जो बाइडेन और पीएम मोदी की मुलाकात हुई थी तब भी अमेरिका ने संबंधित अधिकारियों पर एक्शन लेने की मांग की थी. भारत हमेशा से आरोपों को बेबुनियाद बताता रहा है.
रविवार से पीएम मोदी का तीन दिवसीय अमेरिका दौरा
21 सितंबर को पीएम मोदी क्वाड सम्मेलन में शामिल होने के लिए अमेरिका में होंगे. पीएम मोदी के हर विदेशी दौरे में उनका दाहिना हाथ एनएसए अजीत डोवल भी मौजूद रहते हैं. लेकिन अमेरिकी दौरे से ठीक पहले एनएसए को अमेरिका ने समन भेज दिया है. यानि कहीं ना कहीं अमेरिका भारत पर दबाव बनाना चाहता है.
हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर खुद भी आरोपों का खंडन कर चुके हैं. जयशंकर ने साफ तौर पर कहा था कि किसी दूसरे देश में जाकर (विदेशी धरती) एक्शन लेना भारत की नीति नहीं है और ऐसे आरोपों से भारत-अमेरिका के संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा.
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