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बांग्लादेश में तख्तापलट के तीन सूत्रधार बेपर्दा, यूनुस ने खुद किया खुलासा

बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट कोई छात्रों का आंदोलन नहीं बल्कि बेहद ही सफाई से अंजाम दिया गया विद्रोह था. बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर (प्रीमियर) मोहम्मद यूनुस ने यूएस दौरे के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मौजूदगी में खुद सार्वजनिक तौर से ये साजिश कबूल की है.

गुरुवार को यूनुस क्लिंटन फाउंडेशन में आयोजित लीडर्स कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने मंच पर तीन युवाओं को आमंत्रित किया. इनमें युवाओं में हिजाब पहने एक युवती भी थी. यूनुस ने तीनों युवाओं का हाथ पकड़कर बिल क्लिंटन और कार्यक्रम में मौजूद श्रोताओं से मिलवाया.

यूनुस के मुताबिक, ये तीनों युवा बेहद ही शानदार वक्ता हैं और जोशीले भाषण देने में माहिर हैं. यूनुस ने तीनों को हाल ही में बांग्लादेश में हुए तख्तापलट का सूत्रधार बताया.

बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर ने बताया कि शेख हसीना के खिलाफ मेटिक्योलेसी प्लानिंग की गई कि सरकार से जुड़े नेताओं को भी खबर नहीं लगी. ये सब बताते हुए यूनुस की चेहरे पर कुटिल मुस्कान थी. क्लिंटन भी उनकी बातों को बेहद गौर से सुन रहे थे. (बांग्लादेश को तोड़ने पर क्यों तुला है अमेरिका ?)

खास बात ये है कि यूनुस को अमेरिका की कठपुतली ही माना जा रहा है. क्योंकि वे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के भी करीबी माने जाते हैं. तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि व्हाइटमैन (अमेरिकी) ने उनकी सरकार का तख्तापलट कराने मे अहम भूमिका निभाई थी. क्योंकि शेख हसीना ने अमेरिका को सेंट मार्टिन आइलैंड देने से इंकार कर दिया था. इस आइलैंड पर अमेरिका अपना एक मिलिट्री बेस बनाने की फिराक में था ताकि पूरी बंगाल की खाड़ी पर नजर रखी जा सके. (अमेरिका है रहस्यमय व्हाइट-मैन, शेख हसीना का खुलासा)

 5 अगस्त को बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को उपद्रवी छात्रों के अराजक विरोध-प्रदर्शन के चलते देश छोड़कर भारत आना पड़ा था. शुरुआत में ये सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर हुआ आंदोलन माना जा रहा था. लेकिन धीरे-धीरे कर साफ हुआ कि ये अमेरिका और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिश थी जिसने बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता को हवा दी थी. (यूनुस ने मिलाया पाकिस्तान से हाथ, न्यूयॉर्क में की शहबाज से मुलाकात)

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