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Putin ने नहीं उठाया नेतन्याहू का फोन, रुक सकता था मिसाइल अटैक

ईरान ने इजरायल पर ताबड़तोड़ 200 से ज्यादा मिसाइल दागकर वर्ल्ड वॉर-3 को हवा दे दी है. ईरान ने पहली बार अपनी अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल फतह का इस्तेमाल किया है. साथ ही ईरान ने इजरायल के नेवातिम एयरबेस सहित तीन सैन्य अड्डों को भी ध्वस्त करने का दावा किया है. लेकिन सवाल ये है कि क्या ईरान ने अकेले ही इजरायल पर ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस-2’ की योजना बनाई या उसके पीछे कोई मजबूत हाथ है.

माना जा रहा है कि रूस के साथ प्लानिंग के बाद ही ईरान ने इजरायल समेत पश्चिमी देशों से पंगा लेने की हिम्मत की है. इस थ्योरी को बल इसलिए मिल रहा है क्योंकि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने प्रधानमंत्री को ईरान भेजा था. सोमवार को रूसी प्रधानमंत्री ईरान में थे और मंगलवार को ईरान ने इजरायल पर अंधाधुंध मिसाइलें दागीं.

नेतन्याहू ने की थी पुतिन से बात करने की कोशिश
मंगलवार को अमेरिका ने एक चेतावनी जारी की थी. चेतावनी ये कि ईरान देर शाम तक इजरायल पर कर सकता है बड़ा हमला. आनन-फानन में मिले इनपुट के बाद इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की कोशिश की थी. नेतन्याहू चाहते थे कि पुतिन की मध्यस्थता से ईरानी हमले रोके जाएं. बताया जा रहा है कि अमेरिकी अधिकारियों के संदेश के बाद नेतन्याहू ने व्लादिमीर पुतिन को फोन मिलाया था, लेकिन पुतिन ने बात करने से इनकार कर दिया.

रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन ईरान की आधिकारिक यात्रा पर हैं और हमले के दौरान तेहरान में मौजूद थे. दावा किया जा रहा है कि रूस को इस हमले की पहले से जानकारी थी और इसलिए ही नेतन्याहू चाहते थे कि पुतिन से बातचीत करके हमले को रोका जाए.

रूस दे रहा है ईरान को हथियार, इजरायल को दी चेतावनी
दरअसल इजरायल से ज्यादा रूस की अदावत अमेरिका से है. अमेरिका और ईरान कट्टर दुश्मन हैं. अमेरिका की दुश्मनी रूस से है. ऐसे में इस जंग में दो दुश्मन देशों ने हाथ मिला लिया है. रूस और ईरान साथ हैं, जो पश्चिमी देशों के खिलाफ हैं. चूंकि इजरायल ने रूस-यूक्रेन के युद्ध में यूक्रेन का साथ दिया है, माना जा रहा है कि नेतन्याहू से इसलिए ही पुतिन ने फोन पर बात करने से इनकार कर दिया. 
रूस ने ईरान को इजरायल और अमेरिका से बदला लेने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम और हथियार मुहैया कराए हैं. रडार उपकरण भी दिए हैं. हालांकि ईरान पहले भी रूस का एयर डिफेंस सिस्टम एस 300 इस्तेमाल करता है. हमास चीफ हानिया और हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह के खात्मे के बाद ईरान हमला किया.

दूसरी तरफ ईरान ने यूक्रेन के खिलाफ जंग में इस्तेमाल होने वाले अपने घातक शहीद ड्रोन रूस को मुहैया कराए हैं. इन शहीद ड्रोन के जरिए रूस ने यूक्रेन जंग का रुख अपनी तरफ मोड़ लिया है. 
नसरल्ला की मौत के बाद रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस हत्या के क्षेत्र में “दुखद” परिणामों के लिए इजरायल को “पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी.” रूस ने कहा था कि “हम इजरायल द्वारा की गई पॉलिटिकल किलिंग की निर्णायक रूप से निंदा करते हैं, हम एक बार फिर इजरायल से अपील करते हैं कि वह तुरंत सैन्य कार्रवाई बंद करे.ठ

अगस्त से चल रही प्लानिंग, ईरान ने 

अब किया हमलाअगस्त के महीने में रूस के पूर्व रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु भी ईरान पहुंचे थे. शोइगु ने ईरानी राष्ट्रपति पेजेश्कियान समेत सुरक्षा अधिकारियों से मुलाकात की थी. माना जा रहा है हमास चीफ की मौत के बाद से ही ईरान बदला लेने की प्लानिंग कर रहा है. इस प्लानिंग में रूस साथ दे रहा है. अब जब हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह के मारे जाने की खबर आई तो प्लानिंग को ईरान ने अंजाम तक पहुंचाया है. पर अब इजरायली पलटवार को लेकर ईरान हाईअलर्ट है, क्योंकि इतिहास गवाह है कि इजरायल अपने हमले का एक-एक बदला ब्याज समेत वापस लेता है.

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