मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा के बाद बांग्लादेश की यूनुस सरकार भी नींद से जाग गई है. पाकिस्तान जैसी सोच रखने वाली बांग्लादेश की सरकार के मुखिया ने भारत के साथ अच्छे संबंधों की दुहाई दी है.
मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि “बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद ढाका और दिल्ली के संबंध घनिष्ट रहने चाहिए क्योंकि ये दोनों के हित में है. इसका कोई विकल्प नहीं है.” यानि तीन महीनों में ही मोहम्मद यूनुस को समझ में आ गया है कि भारत को नजरअंदाज करना बांग्लादेश के लिए ठीक नहीं रहेगा.
एक-दूसरे के बिना आगे बढ़ना मुश्किल होगा: मोहम्मद यूनुस
मोहम्मद यूनुस ने कहा, “भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध बहुत करीबी होने चाहिए, इसका कोई विकल्प नहीं हो सकता. उन्हें इसकी जरूरत है, हमें इसकी जरूरत है, यह हर नजरिए से बेहद जरूरी है, चाहे वह अर्थव्यवस्था, सुरक्षा या पानी का मामला हो हमारे लिए एक-दूसरे के बिना आगे बढ़ना मुश्किल होगा, इसलिए ये जरूरी है कि हमारे बीच हर क्षेत्र में घनिष्ठ और अच्छे संबंध हों.”
बांग्लादेश के बदलावों और घटनाओं से भारत निराश: मोहम्मद यूनुस
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदुओं पर हुए अटैक के बाद भारत ने कई बार बांग्लादेश के सामने सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. ऐसे में मोहम्मद यूनुस ने अपने ताजा बयान में कहा है कि “भारत, बांग्लादेश के बदलावों से निराश होगा. हाल की घटनाओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर असर डाला है.जब वो देखेंगे कि पूरा विश्व हमें स्वीकार कर रहा है, तो उन्हें चीजें स्पष्ट हो जाएंगी, वे हमें कैसे स्वीकार नहीं कर सकते?” मोहम्मद यूनुस ने कहा, “जहां तक दक्षिण एशियाई कूटनीति का सवाल है, उनकी अंतरिम सरकार भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और साथ ही दक्षेस को मजबूत करने पर बहुत अधिक महत्व देती है.”
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले पर भारत की नजर
शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के दौरान बांग्लादेश जल गया था. खासकर अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले बढ़ गए. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा में तकरीबन 600 लोगों की मौत हुई जिनमें हिंदू बड़ी संख्या में शामिल हैं. भारत ने कई बार हिंदुओं के हमले का मुद्दा उठाया. खुद पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से हिंदुओं की सुरक्षा को भारत की प्राथमिकता बताया. साथ ही मोहम्मद यूनुस से पहली फोन पर हुई बातचीत में भी यूनुस ने हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों पर चिंता जताई.
हाल ही में जब पीएम मोदी अमेरिका गए थे तो माना जा रहा था कि मोहम्मद यूनुस से पहली मुलाकात होगी, पर अलग-अलग टाइमिंग के कारण दोनों में मीटिंग नहीं हुई. बल्कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच द्विपक्षीय वार्ता जरूर हुई थी.
मुइज्जू के बाद यूनुस का यूटर्न
अब जब चीन परस्त मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत के साथ संबंधों को लेकर पलटी मार ली है, तो मोहम्मद यूनुस कैसे पीछे रहते. जब रूस-यूक्रेन हो या फिर इजरायल-ईरान सब भारत की ओर उम्मीद की नजर लगाए हुए हैं, तो फिर मालदीव के साथ-साथ बांग्लादेश ने भी यूटर्न लेना सही समझा, क्योंकि अब समझ में आ गया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शक्तिशाली हैं और कूटनीति भी किसी देश के आगे झुकने वाली नहीं है.