एक ओर तो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया भारत के साथ संबंध सुधारने की बात करते हैं तो वहीं दूसरी ओर ऐसे लोगों को बांग्लादेश में आमंत्रित करते हैं, जो भारत के लिए खतरा बन सकते हैं. कुछ ऐसा ही बांग्लादेश में धार्मिक आयोजन के नाम पर किया गया है. बांग्लादेश में अल मर्कजुल इस्लामी के धार्मिक आयोजन के नाम पर हमास, तालिबान और पाकिस्तान के कई कट्टरपंथी इस्लामी नेताओं ने भाग लिया और भाषण दिया.
आयोजन में शामिल वे संदिग्ध नेता शामिल हुए थे जिनका नाम आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ा हुआ था. कार्यक्रम में शामिल होने वालों में मुफ्ती शाहिदुल इस्लाम भी था जिसका आतंक से गहरा नाता रहा है.
7 अक्टूबर को बांग्लादेश में आयोजित धार्मिक सम्मेलन में हमास के शेख खालिद कुद्दिमी और शेख आकिल मिशाल जैसे सीनियर नेता शामिल हुए थे. इस आयोजन में वो मुफ्ती शाहिदुल इस्लाम भी शामिल हुआ जिसपर साल 1999 में खुलना की एक अहमदिया मस्जिद के धमाके में गिरफ्तार किया गया था. इस धमाके में आठ (08) लोगों की मौत हो गई थी. रिहाई के बाद शाहिदुल ने अलकायदा में ट्रेनिंग ली. पाकिस्तान और अफगानिस्तान में लंबे वक्त तक रुकने के अलावा कई अफ्रीकी देशों की यात्रा की. साथ ही शाहिदुल की जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) में भी पैठ बना ली.
भारत अलर्ट, सीमा पर घुसपैठ की फिराक में आतंकी ?
खुफिया रिपोर्ट्स की मानें तो बांग्लादेश में हुई सियासी उठापटक का फायदा कई आतंकी संगठन उठाना चाहते हैं. उनमें से कई संगठन ऐसे हैं जिनपर शेख हसीना सरकार ने बैन लगाया था. सत्ता परिवर्तन के बाद से उन पर बैन हटा दिया गया है.
भारत की सीमा बांग्लादेश से लगती है, जहां बीएसएफ की तैनाती है. आशंका है कि आतंकी संगठन ना सिर्फ बांग्लादेश बल्कि भारत में भी अशांति फैलाने की फिराक में हैं. लिहाजा बीएसएफ समेत सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट हैं. ऐसे संगठन ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे साउथ एशिया में अशांति फैला सकते हैं.