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जंग में Hybrid-War के लिए रहें तैयार: राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मौजूदा रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध से सीख लेते हुए सेना को पारंपरिक युद्ध में ‘हाइब्रिड-वॉर’ के लिए कमर कसकर रखने का आह्वान किया है. रक्षा मंत्री ने टॉप मिलिट्री कमांडर्स को सतर्क रहने के साथ ही, नियमित रूप से सेना के आधुनिकीकरण और आकस्मिक स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है.

रक्षा मंत्री शुक्रवार को सिक्किम के गंगटोक में आयोजित आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी सहित सेना के सभी वरिष्ठ सैन्य कमांडर मौजूद थे.

चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के हालात पर चर्चा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भले ही शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत सभी स्तर पर जारी है लेकिन किसी भी ‘आकस्मिक स्थिति’ से निपटने के लिए सेना तैयार रहे.

रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रयासों की सराहना की, जिसके कठिन परिस्थितियों में काम करते रहने से पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर सड़क संचार में जबरदस्त सुधार हुआ है. राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सुधार जारी रहना चाहिए.

सिक्किम में खराब मौसम के चलते राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल के सुखना मिलिट्री स्टेशन से ही सैन्य कमांडर्स को वर्चुअल तरीके से संबोधित किया. अग्रिम सैन्य स्थान पर वरिष्ठ कमांडरों के सम्मेलन का आयोजन जमीनी स्तर की वास्तविकताओं पर भारतीय सेना के ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित करता है.

सम्मलेन के दौरान भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं और भीतरी इलाकों में स्थिति और वर्तमान सुरक्षा तंत्र के समक्ष चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया. सम्मेलन में सैन्य संगठनात्मक पुनर्गठन, रसद, प्रशासन और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया.

राजनाथ सिंह ने देश की पश्चिमी (पाकिस्तान से सटी) सीमाओं पर स्थिति का उल्लेख करते हुए सीमा पार आतंकवाद से निपटने में भारतीय सेना की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि “शत्रु की ओर से अभी भी छद्म युद्ध जारी है.”

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