उत्तर कोरिया के सैनिकों को लेकर रूस के साथ पश्चिमी देशों के आरोप प्रत्यारोप के बीच रूसी राष्ट्रपति के आदेश के बाद न्यूक्लियर फोर्स ने बड़ा युद्धाभ्यास किया है. पुतिन के न्यूक्लियर युद्धाभ्यास के आदेश से खलबली मच गई है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने सैन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा है कि “युद्धाभ्यास में परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के प्रक्षेपण का अभ्यास भी किया जाए.
पिछले पांच महीने में रूस का ये दूसरा परमाणु युद्धाभ्यास है. इसी साल, रूस की पांचवी बार सत्ता संभालने के बाद भी मई के महीने में पुतिन ने अपनी सेना को न्यूक्लियर एक्सरसाइज करने का निर्देश दिया था.
पुतिन की न्यूक्लियर फोर्स का युद्धाभ्यास, और बढ़ेगा तनाव
यूक्रेन के लंबी दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल की मांग और रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की मौजूदगी को लेकर शुरू हुए तनाव को लेकर एक और बड़ा डेवलपमेंट सामने आया है. अब रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने न्यूक्लियर फोर्स को अचानक युद्धाभ्यास करने का आदेश दे दिया. न्यूक्लियर फोर्स का युद्धाभ्यास पश्चिमी देशों और यूक्रेन को चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है.
मंगलवार को व्लादिमीर पुतिन ने रूसी सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की, जिसमें पुतिन ने कहा, युद्धाभ्यास में परमाणु ताकत से लैस बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों की लॉन्चिंग का अभ्यास शामिल किया जाएगा.
पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि “रूस का परमाणु हथियारों का जखीरा देश की संप्रभुता और सुरक्षा की विश्वसनीय गारंटी बना हुआ है. बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों और उभरते नए खतरों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, हमारे लिए आधुनिक रणनीतिक बलों का होना बेहद अहम है जो हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहें.” https://x.com/finalassault23/status/1851546646653349956?s=46()
रूस ने दिखाया ‘न्यूक्लियर ट्रायड’
वैसे तो राष्ट्रपति पुतिन का मानना है कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल आखिरी विकल्प है. पर समय-समय पर रूस अपने परमाणु हथियारों का प्रदर्शन करके यूक्रेन और नाटो देशों को डराता रहता है.
रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अभ्यास में न्यूक्लियर ट्रॉयड शामिल था, जिसमें जमीन, समुद्र और हवा से मिसाइलें दागी गईं. अभ्यास में हजारों किलोमीटर दूर तक हमला करने वाली मिसाइलों को शामिल किया. रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया, सेना ने कामचटका प्रायद्वीप पर कुरा टेस्टिंग रेंज में प्लेसेत्स्क लॉन्च पैड से यार्स इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) की टेस्टिंग की. नोवोमोस्कोव्स्क और कनीज़ ओलेग परमाणु पनडुब्बियों ने बैरेंट्स सागर और ओखोटस्क सागर से यार्स का परीक्षण किया, जबकि परमाणु-सक्षम टीयू-95 स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स ने लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों का अभ्यास प्रक्षेपण किया. सभी मिसाइलों ने अपने टारगेट को ध्वस्त कर दिया.”
जेलेंस्की के लंबी दूरी की मिसाइल की मांग, पुतिन ने ‘यार्स’ से डराया
परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम यार्स मिसाइल भी युद्धाभ्यास का हिस्सा थी. यार्स मिसाइल को रूस के सबसे खतरनाक हथियारों में से एक माना जाता है. यार्स मिसाइल जमीन से हमला करने वाले रूस की स्ट्रेटेजिक न्यूक्लियर फोर्स का मुख्य हिस्सा है. यार्स एक बैलिस्टिक मिसाइल है, जो परमाणु हथियारों के साथ कई वारहेड ले जाने में सक्षम है. मिसाइल रक्षा प्रणाली को भेद सकती है, और 12000 किमी तक अचूक निशाना लगा सकती है. यानि यार्स मिसाइल के जद में अमेरिका और ब्रिटेन दोनों आ सकते हैं.
यार्स को युद्धाभ्यास में शामिल करने का मकसद ये था कि जेलेंस्की नाटो देशों से रूस के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइल के इस्तेमाल की इजाजत मांग रहे हैं. कहीं ना कहीं पुतिन ने सांकेतिक तौर पर नाटो देशों (अमेरिका और ब्रिटेन) को डराया कि अगर रूस के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल हुई तो यार्स से अमेरिका और ब्रिटेन दोनों नहीं बच पाएंगे.
उत्तर कोरिया के साथ रूस ने की है बड़ी सैन्य घोषणा
पुतिन ने एक नए परमाणु सिद्धांत की घोषणा की, जिसमें कहा गया है कि यदि रूस पर किसी गैर-न्यूक्लियर देश द्वारा हमला किया जाता है और उसे किसी न्यूक्लियर शक्ति का समर्थन हासिल है, तो इसे रूस पर दोनों देशों की तरफ से हमला माना जाएगा. चूंकि नाटो देश उत्तर कोरिया के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से बयानबाजी कर रहे हैं.
नाटो देशों का आरोप है कि तानाशाह किम जोंग उन ने अपने 10 हजार सैनिकों को रूस में युद्ध करने के लिए भेजा है. ऐसे में पुतिन ने युद्धाभ्यास के जरिए ये बताने की कोशिश की है कि अगर उसके मित्र देश (नॉर्थ कोरिया)पर आंख दिखाई गई तो सीधे-सीधे रूस, उत्तर कोरिया की मदद करने से पीछे नहीं हटेगा. (बेलारूस ने दी परमाणु हमले की चेतावनी, NATO सैनिकों का जमावड़ा है बॉर्डर पर)