गृह मंत्री अमित शाह पर बेतुके और बेबुनियाद आरोप लगाने पर भारत ने कनाडा को परिणाम भुगतने की चेतावनी दे डाली है. भारत के विदेश मंत्रालय ने राजनयिकों पर ऑडियो वीडियो पाबंदी लगाने आजे पर भी कड़ा ऐतराज जताया है. वहीं कनाडा ने भारत को साइबर-टेक के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि गृह मंत्री पर बेबुनियाद आरोप लगाने से भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों पर ‘गंभीर परिणाम’ होंगे.
जायसवाल ने बताया कि 29 अक्टूबर को दिल्ली स्थित कनाडा के उच्चायोग के अधिकारियों को एक नोट सौंपा गया है, जिसमें भारत ने अपनी कड़ी आपत्ति जताई है.
पिछले हफ्ते कनाडा के उप-प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अपने देश की संसदीय कमेटी के समक्ष इस बात को कबूल किया था कि कनाडा मे खालिस्तान समर्थक आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के पीछे गृह मंत्री अमित शाह का हाथ है.
ट्रूडो सरकार के मंत्री ने यहां तक कबूल किया था कि अमेरिका मीडिया को अमित शाह पर लगे आरोपों की जानकारी लीक की गई थी, जो कनाडा की ‘स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन’ का हिस्सा था.
इस बीच कनाडा की खुफिया एजेंसियों, ‘कम्युनिकेशन सिक्योरिटी एस्टेब्लिशमेंट’ (सीएसई) ने भारत को चीन, रूस, उत्तर कोरिया और ईरान जैसे देशों की श्रेणी में रखा है जो दूसरे देशों में दखल डालते हैं. कनाडा की नेशनल साइबर थ्रेट एसेसमेंट रिपोर्ट (2025-26) मुताबिक, भारत ने खालिस्तान समर्थकों को ट्रैक करने के लिए साइबर-टेक का इस्तेमाल किया है. साथ ही कनाडा की सेना की वेबसाइट पर भी साइबर अटैक किए हैं.
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के संबंधों में जबरदस्त खटाई आई है. कनाडा ने निज्जर की हत्या के लिए गृह मंत्री को जिम्मेदार ठहराया है, जो संगठित अपराधियों के जरिए कनाडा में अपराध करा रहे हैं. भारत ने कनाडा के आरोपों का जबरदस्त खंडन किया है. (अमित शाह पर लगाया गंभीर आरोप, Trudeau मुसीबत में)