डोनाल्ड ट्रंप के एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने से पूरी दुनिया की निगाहें रूस-यूक्रेन युद्ध पर आकर टिक गई हैं. क्या ट्रंप, वाकई युद्ध रुकवा सकते हैं, ये सवाल सभी के जेहन में कौंध रहा है.
चुनावी अभियान के दौरान ट्रंप ने कई बार दावा किया था कि वे अगर राष्ट्रपति होते तो युद्ध कभी नहीं होता. चुनाव जीतने के बाद भी ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि “मैं युद्ध शुरु नहीं करूंगा बल्कि खत्म कराउंगा.”
चुनावी रैलियों में ट्रंप ने कई बार दावा किया था कि अगर वे राष्ट्रपति चुने जाएंगे तो युद्ध को रुकवा देंगे. ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को लेकर पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की जमकर खिंचाई की थी.
ट्रंप का आरोप था कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की जब भी अमेरिका आते हैं, पैसे और हथियार लेकर चलते बनते हैं. ट्रंप ने जेलेंस्की को दुनिया का सबसे बड़ा सेल्समैन करार दिया था. ट्रंप ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रपति पद ग्रहण करते ही यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिका मदद (वित्तीय और हथियारों की) तुरंत बंद कर दी जाएगी.
यूक्रेन अगर पिछले ढाई साल से रूस के खिलाफ युद्ध को खींच रहा है तो उसमें अमेरिका का बड़ा हाथ है. फरवरी 2022 से लेकर अब तक अमेरिका ने यूक्रेन को 175 बिलियन डॉलर की मदद की है. इसमें से 70 बिलियन डॉलर हथियारों के लिए दिए गए.
ट्रंप के चुनाव जीतते ही जेलेंस्की ने शुभकामनाएं देते हुए इसी साल सितंबर के महीने में हुई मुलाकात का जिक्र किया. जेलेंस्की ने याद दिलाया कि कैसे ट्रंप को ‘विक्ट्री-प्लान’ साझा कर रूस के आक्रमण को रोकने पर चर्चा हुई थी.
जेलेंस्की ने वैश्विक मुद्दों पर ट्रंप की ‘ताकत से शांति’ नीति की तारीफ भी की है. यूक्रेन को यूरोप की ‘मिलिट्री पावर’ बताते हुए जेलेंस्की ने ट्रांस-अटलांटिक में लंबे काल तक शांति की बात की है.
उधर रूस ने वेट एंड वॉच की नीति अपनाई है. रूस के विदेश मंत्रालय ने अपने ‘हितों’ और राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए कहा है कि ट्रंप के व्हाइट हाउस आने के बाद ही बातचीत करेंगे.
पुतिन ने ट्रंप से मजबूत संबंध होने के बावजूद फिलहाल बधाई संदेश भेजने से इनकार कर दिया है. क्योंकि ट्रंप की नीतियों को देख-परख कर ही पुतिन शुभकामनाएं भेजेंगे. रूसी विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा है कि नए अमेरिकी प्रशासन से बात तो करेंगे लेकिन (यूक्रेन) के खिलाफ ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ (युद्ध) के उद्देश्यों को भी पूरा किया जाएगा. (पुतिन ने ट्रंप को नहीं दी बधाई, पूरी दुनिया दे रही है शुभकामनाएं)