ट्रंप के सत्ता में आने से यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को बड़ा झटका लगने जा रहा है. क्योंकि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एडवाइजर ने दो टूक कह दिया है कि यूक्रेन के सामने जीत का नहीं बल्कि शांति का ‘विकल्प’ बचा है.
ट्रंप के चुनावी सलाहकार ब्रायन लांज़ा ने साफ कह दिया है कि जेलेंस्की को क्रीमिया को भूलना होगा. क्योंकि क्रीमिया, यूक्रेन के हाथों से निकल चुका है. जेलेंस्की ने रूस से वार्ता के लिए क्रीमिया को वापस लौटने की शर्त रखी थी.
इसी साल अगस्त के महीने में यूक्रेन की सेना ने रूस के कुर्स्क प्रांत में घुसकर करीब 1200 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र पर भी कब्जा कर लिया था. माना जा रहा है कि यूक्रेन बातचीत की टेबल पर कुर्स्क के इस इलाके के बदले क्रीमिया की मांग करने की फिराक में है. लेकिन ट्रंप के सलाहकार ने जेलेंस्की की हसरतों पर पानी फेर दिया है.
रूस ने वर्ष 2014 में एक क्रीमिया को यूक्रेन से छीनकर कब्जा कर लिया था. उस दौरान रूस के स्पेशल फोर्सेज ने क्रीमिया की सरकारी इमारतों और ब्लैक-सी फ्लीट के हेडक्वार्टर पर ऑपरेशन कर अपने अधिकार-क्षेत्र में ले लिया था. यूक्रेन की सेना ने बिना किसी विरोध के रूसी सेना के सामने सरेंडर कर दिया था.
आठ साल बाद यानी फरवरी 2022 में जब पुतिन ने यूक्रेन पर फिर से हमला किया तो, जेलेंस्की की सेना ने जबरदस्त विरोध किया. अमेरिका और दूसरे नाटो देशों की मदद से यूक्रेन की सेना पिछले ढाई साल से रूसी सेना के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है, जिसके चलते जंग का नतीजा नहीं निकल पाया है. ऐसे में युद्ध को रूकवाने की कवायद जारी है. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1578980148120268802)
चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने ऐलान किया था कि वे युद्ध शुरू नहीं करेंगे बल्कि युद्ध समाप्त कराएंगे. उनका इशारा सीधे रूस-यूक्रेन युद्ध से था. क्योंकि चुनावी अभियान के दौरान भी ट्रंप ने दावा किया था कि राष्ट्रपति बनने के एक दिन के भीतर जंग रुकवा देंगे.
ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए जेलेंस्की को भी बड़ा जिम्मेदार माना है. ट्रंप ने जेलेंस्की को दुनिया का सबसे बड़ा सेल्समैन करार दिया है. ट्रंप ने जेलेंस्की पर अमेरिका दौरे पर आने के दौरान हथियार और वित्तीय सहायता ले जाने का आरोप लगाया है.
ट्रंप को पुतिन का करीबी भी माना जाता है. वहीं पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन से वार्ता के लिए रूस तैयार है. लेकिन उसके लिए यूक्रेन को डोनबास से सटे इलाकों में हमला नहीं करना होगा. साथ ही यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं होने दिया जाएगा.
मॉस्को पर 32 ड्रोन से हमला
रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यूक्रेन ने रविवार को लंबी दूरी के 84 यूएवी से हमला किया. इनमें से 32 ड्रोन अकेले राजधानी मॉस्को पर दागे गए. रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सभी 32 यूएवी को आसमान में ढेर कर दिया गया. रूस ने आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि इस दौरान गिराए गए यूएवी का मलबा तीन इलाकों में आकर गिरी, जिससे चार बिल्डिंग में आग लग गई. इन घटनाओं में दो नागरिक घायल हुए.
रविवार को हुआ ड्रोन अटैक पिछले ढाई साल में मॉस्को पर हुए सबसे बड़े हमले के तौर पर देखा जा रहा है.
खास बात ये है कि जिस वक्त मॉस्को पर ड्रोन अटैक हुआ, उसी दौरान यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क इलाके में रूस की सीमा में घुसकर हमला करने की कोशिश की. रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, हमले को नाकाम कर दिया गया.