नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की चीन यात्रा से पहले भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी काठमांडू के आधिकारिक दौरे पर जा रहे हैं. मिलिट्री डिप्लोमेसी के लिहाज से थलसेना प्रमुख का नेपाल दौरा बेहद अहम माना जा रहा है. क्योंकि पिछले दो सालों से भारतीय सेना में नेपाली मूल के गोरखा सैनिकों की भर्ती लगभग बंद है.
जानकारी के मुताबिक, अगले हफ्ते जनरल द्विवेदी काठमांडू की यात्रा पर जा रहे हैं. थलसेना प्रमुख अपनी यात्रा के दौरान नेपाली समकक्ष से मुलाकात करेंगे. इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच साझा युद्धाभ्यास, ट्रेनिंग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर खासा चर्चा होने की उम्मीद है. फिलहाल, नेपाली सेना के 300 अधिकारी और जवान भारत में ट्रेनिंग ले रहे हैं.
भारत और नेपाल ने एक-दूसरे के थलसेना प्रमुख को मानद चीफ की उपाधि दे रखी है. यानी भारतीय सेना के चीफ, नेपाली सेना के मानद प्रमुख हैं, तो नेपाली सेना के प्रमुख भारतीय सेना के.
अग्निपथ स्कीम के चलते हालांकि, दोनों देशों के सैन्य संबंधों में दरार आ गई है. नेपाल ने अग्निपथ स्कीम के तहत भारतीय सेना में अग्निवीर के तौर पर अपने गोरखा युवाओं की भर्ती पर रोक लगा दी है. इसके चलते पिछले दो सालों से भारतीय सेना की गोरखा रेजीमेंट में अग्निवीर के तौर पर नेपाली युवाओं की भर्ती लगभग बंद हो गई है.
गौरतलब है कि नेपाल में इस वक्त भारतीय सेना के 80 हजार से ज्यादा पूर्व सैनिक हैं. इनमें से अधिकतर पूर्व सैनिक, भारतीय सेना की गोरखा रेजीमेंट से ही ताल्लुक रखते हैं.
अगले महीने (दिसंबर) में नेपाली प्रधानमंत्री चीन के आधिकारिक दौरे पर जा रहे हैं. ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि नेपाल के प्रधानमंत्री का पहला विदेश दौरा भारत का ना होकर किसी दूसरे देश (चीन) का हो रहा है.
इसी साल जुलाई के महीने में औली ने चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की कमान संभाली है. लेकिन इस बात उन्होंने पहली विदेश यात्रा के लिए दिल्ली की बजाए बीजिंग को चुना है. नेपाल, दूसरा पड़ोसी देश है जिसने भारत की बजाए चीन को चुना है. इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने भी बीजिंग को पहली विदेश यात्रा के लिए चुना है.
भारत और नेपाल में संबंधों की कड़वाहट इस कदर बढ़ गई है कि काठमांडू ने अपनी नई करेंसी नोट की प्रिंटिंग के लिए चीन की एक कंपनी को चुना है. इन नए करेंसी नोट पर नेपाल का जो नया नक्शा दिखाया जाएगा, इसमें विवादित कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाली सीमा में दिखाया गया है. जबकि उत्तराखंड से सटे इन इलाकों पर नेपाल का भारत से लंबा विवाद रहा है. ये इलाका भारत, नेपाल और चीन सीमा के ट्राइ-जंक्शन पर है. (चीन नेपाल Tri-Junction पर सेना का तंबू, होमस्टे टूरिज्म को बढ़ावा)
ऐसे में थलसेना प्रमुख की नेपाल यात्रा से दोनों देशों के संबंधों को एक बार फिर पटरी पर लाने की कोशिश की जाएगी. साथ ही दिसंबर के महीने में दोनों देशों की सेनाओं की सूर्यकिरण एक्सरसाइज का 18वां संस्करण नेपाल में आयोजित किया जाएगा. (विवादित लिपुलेक कालापानी नेपाल की करेंसी पर)