एलएसी पर तनाव कम होने के बाद भारत और चीन लगातार संबंधों को मजबूत करने में जुटा हुआ है. इसी कड़ी में नए साल में भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें शुरु की जा सकती हैं, जो कोरोना काल से ही बंद हैं. साथ ही भारत-चीन वीजा पॉलिसी में भी सुधार हो सकता है. ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है, जिसमें भारत-चीन संबंधों को मजबूती देने पर चर्चा हुई.
भारत-चीन के बीच सीधी फ्लाइट, और किन मुद्दों पर सहमति?
पिछले महीने रूस के कजान में हुई भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात को आगे बढ़ाते हुए एक बार फिर ब्राजील में दोनों के बीच बैठक हुई है. इस बैठक में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने सीमा तनाव कम करने में हालिया प्रगति पर चर्चा की. साथ ही भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने जैसे अहम मुद्दे पर भी बात की.
माना जा रहा है कि अगले साल भारत-चीन के बीच सीधी उड़ान शुरु हो सकती है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों को सीधा फायदा होगा. अभी भारत और चीन के बीच यात्रा करने के लिए किसी तीसरे देश के जरिए यात्रा करनी पड़ती है.
दोनों देशों के विदेश मंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरु होने पर भी चर्चा की, जो गलवान घाटी की झड़प के बाद से बंद है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच भारत और चीन के बीच सीमा पर सैनिकों की वापसी के समझौता होने के बाद यह उनकी पहली मुलाकात थी. दोनों विदेश मंत्रियों ने लद्दाख से सैनिकों की वापसी के बाद भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की.
अगले साल भारत-चीन के कूटनीतिक संबंध के 75 साल
बताया जा रहा है कि भारत-चीन दोनों देशों ने फैसला किया है कि “अगले साल कूटनीतिक संबंधों के 75 साल पूरे होने के मौके को दोनों देशों में कार्यक्रमों के ज़रिये मनाया जायेगा. एस जयशंकर और वांग यी के साथ हुई बैठक के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया कि “चीन उम्मीद करता है कि दोनों देशों के बीच यात्री उड़ानों की जल्द से जल्द बहाली होगी. कोरोना के बाद से ही उड़ान की सीधी सेवा बंद है साथ ही एक दूसरे के देश में पत्रकारों का आना जाना और ज्यादा करने और एक दूसरे के नागरिकों को ज्यादा वीजा देकर आपसी संपर्क को बढ़ाने जैसे मुद्दों पर मंथन किया गया.”