प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षा दस्ते, एसपीजी में क्या महिला कमांडो भी शामिल हो गई हैं. ये सवाल इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के साथ एक महिला पुलिस ऑफिसर की वीडियो वायरल हो रही है, जिसे लेडी-एसपीजी का नाम दिया गया है. लेकिन टीएफए ने जांच-पड़ताल की तो हकीकत सामने आ गई.
दरअसल, 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर राष्ट्रपति श्रीमती दौपद्री मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया था. उसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू के साथ लेडी ऑफिसर की तस्वीर सामने आई.
संसद टीवी पर इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण हुआ था. कार्यक्रम की शुरुआत में दिखाई पड़ता है कि राष्ट्रपति का काफिला संसद में दाखिल होता है. जैसे ही संसद भवन में दाखिल होने के लिए राष्ट्रपति की लिमोजिन कार आकर रूकती है, एक लेडी ऑफिसर, जिसने टाई-सूट पहना हुआ था, कार के गेट के पास आकर खड़ी हो जाती है.
संसद स्टाफ ने जैसे ही लिमोजन का दरवाजा खोला और राष्ट्रपति बाहर निकली, लेडी ऑफिसर एस्कॉर्ट की मुद्रा में आ गई. ये वही लेडी ऑफिसर थी, जिसे सोशल मीडिया पर एसपीजी कमांडो बताया जा रहा है.
इस वीडियो से साफ हो जाता है कि ये लेडी ऑफिसर, दरअसल राष्ट्रपति की सुरक्षा का हिस्सा थी. क्योंकि राष्ट्रपति को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा नहीं प्रदान की गई है, ऐसे में साफ है कि ये लेडी ऑफिसर एसपीजी का हिस्सा नहीं है. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1862531963887800610)
राष्ट्रपति की सुरक्षा, दिल्ली पुलिस के हवाले है. दिल्ली पुलिस की प्रेसिडेंट हाउस सिक्योरिटी राष्ट्रपति की सुरक्षा करती है.
संसद के गेट पर ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और किरन रिजिजू स्वागत करने के लिए खड़े थे. लेडी ऑफिसर राष्ट्रपति के ठीक पीछे चल रही थी. इसी दौरान जब पीएम मोदी बाकी वीआईपी के साथ राष्ट्रपति के पीछे चलते हैं, महिला ऑफिसर पीछे हो जाती है.
लेडी ऑफिसर, पीएम सुरक्षा में तैनात एसपीजी (पुरुष) कमांडो के साथ चलने लगती है. इसी दौरान एक ऐसी तस्वीर ली गई जिसमें पीएम मोदी, किरन रिजिजू और लेडी ऑफिसर कैद हो जाते हैं. इसी तस्वीर को देखकर सोशल मीडिया पर महिला ऑफिसर को लेडी-एसपीजी की उपाधि दे दी गई. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1862532011824443649)
हालांकि, पिछले कुछ साल से एसपीजी सुरक्षा दस्ते में महिलाओं को भी शामिल किया गया है. लेकिन ये महिला कमांडो आउटर सर्किल में ज्यादा रहती है. ऐसा इसलिए, कि पीएम के जिस कार्यक्रम में महिलाएं शामिल होती हैं, तो ये लेडी ऑफिसर उन महिलाओं की तलाशी लेना का कार्य करती हैं.
वर्ष 1985 में स्थापित की गई एसपीजी का मुख्य दायित्व देश के प्रधानमंत्री और उनके करीबी परिवार को दी जाती है. इसके अलावा कुछ समय के लिए पूर्व-पीएम और उनके परिवार को भी एसपीजी की सुरक्षा दी जाती है. प्रधानमंत्री और पूर्व पीएम के अलावा एसपीजी की सुरक्षा किसी को प्रदान नहीं की जाती है.
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- by Neeraj Rajput
- November 29, 2024
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