डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका सत्ता में आने का असर दिखाई पड़ने लगा है. रूस के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ ने अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल से फोन पर बात की है. फोन पर बातचीत के दौरान पूर्वी भूमध्य सागर में रूसी सेना के युद्धाभ्यास को लेकर चर्चा हुई जिसमें हाइपरसोनिक मिसाइल की फायरिंग ड्रिल भी की गई थी. साथ ही यूक्रेन जंग को लेकर भी अहम बातचीत हुई है.
रूस का ये युद्धाभ्यास ऐसे समय में हुआ था जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नाटो फोर्सेज के ठिकानों पर हमला करने की चेतावनी जारी की थी. ये चेतावनी यूक्रेन में नाटो की एक मिसाइल फैक्ट्री पर हाइपरसोनिक मिसाइल ओरेशनिक के हमले के बाद आई थी.
जानकारी के मुताबिक, फोन कॉल के दौरान रूसी कमांडर वालेरी गेरासिमोव ने अमेरिकी समकक्ष जनरल सी क्यू ब्राउन को युद्धाभ्यास की जानकारी दी थी. दोनों जनरल के बीच ये पहली फोन कॉल थी.
यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से ऐसा कम ही देखने को आया है कि रूस और अमेरिका के मिलिट्री कमांडर ने आपस में बातचीत की है. आखिरी बार जनरल वैलेरी ने अमेरिकी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ से अक्टूबर 2022 में फोन पर बात की थी.
रूस की चीफ ऑफ जनरल स्टाफ के नाते वालेरी गेरासिमोव अपने देश के सबसे बड़े मिलिट्री कमांडर हैं. फरवरी 2022 में जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करने का आदेश दिया था, तब वैलेरी ही सेना की कमान संभाल रहे थे.
युद्ध के बाद से पुतिन ने रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु (जो खुद मिलिट्री कमांडर) सहित कई टॉप मिलिट्री कमांडर को इधर से उधर किया है लेकिन जनरल वालेरी गेरासिमोव अभी तक अपनी कुर्सी पर जमे हुए हैं.
पिछले हफ्ते रूसी सेना ने पूर्वी भूमध्य सागर में एक बड़ी एक्सरसाइज की थी. इस युद्धाभ्यास में रूसी नौसेना और वायुसेना ने हिस्सा लिया था. ड्रिल में रूसी नौसेना के 10 जंगी जहाज और पनडुब्बी सहित 24 फाइटर जेट ने हिस्सा लिया था. एयरक्राफ्ट में मिग-31 लड़ाकू विमान भी शामिल थे जिन्होंने एक्सरसाइज के दौरान किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल की फायरिंग का अभ्यास किया था.
रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, युद्धाभ्यास के दौरान रूसी पनडुब्बी ने कैलिबर क्रूज मिसाइल को एक नेवल टारगेट पर दागा था. साथ ही रशियन फ्रिगेट एडमिरल गोर्शकोव और एडमिरल गोलोवको (युद्धपोतों) ने हाइपरसोनिक मिसाइल फायर करने की ड्रिल की थी.
खबर ये भी है कि दोनों मिलिट्री कमांडर्स ने यूक्रेन जंग को लेकर भी बातचीत की है. हालांकि, रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में यूक्रेन का जिक्र नहीं किया है.
रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मिलिट्री एक्सरसाइज के बारे में जनरल ब्राउन को इसलिए जानकारी दी गई थी क्योंकि करीब में अमेरिका और नाटो के जंगी जहाज मौजूद थे.