भारतीय नौसेना ने ‘सर्चर’ यूएवी के उस बेड़े को विदाई दे दी है, जिसने 22 साल तक समुद्री-सीमाओं की निगहबानी की थी.
कोच्चि में एक सैन्य समारोह के दौरान 8 प्रतिष्ठित सर्चर एमके-2 यूएवी को विदाई दी गई. भारतीय नौसेना ने इस दौरान कहा कि सर्चर ड्रोन एमके-2 ने अपने समय में सबसे आगे रहते हुए समुद्री टोही और निगरानी करने के युग की शुरुआत की थी.
विदाई समारोह के दौरान नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि ये भावुक और मार्मिक क्षण है, जब आप उस यूएवी को विदाई दे रहे हो जिसने भारतीय नौसेना को आगे बढ़ाया है.
इजरायल से लिए थे सर्चर एमके-2
अपने समय में अग्रणी, सर्चर एमके-2 ने भारतीय नौसेना में यूएवी युग की शुरुआत की थी. एमके 2 ड्रोन ने समुद्री निगरानी को बदल दिया. भारतीय नौसेना ने इजरायल से ये सर्चर ड्रोन लिए थे.
नौसेना ने कहा, एमके-2 की सेवा ने नौसेना संचालन में उन्नत तकनीक का मार्ग प्रशस्त किया, जिसने भारत के समुद्री इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी.
सर्चर मार्क 2 का निर्माण इजरायल एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज (आईएआई) द्वारा किया जाता है. सर्चर एमके 2 एक बहु मिशन सामरिक यूएवी प्रणाली है जिसका उपयोग दुश्मनों पर निगरानी रखने के लिए किया जाता है. इसके अलावा टोही और टारगेट करने में भी सक्षम है. बिना शोर किए ये दुश्मन के ठिकाने का पता लेता था. हर मौसम में काम करने वाली क्षमता के साथ नौसेना के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय था.