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मिसाइल युद्धपोत की Steel-Cutting शुरू, कराची बंदरगाह के छूटे पसीने

अगले कुछ सालों में भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमताओं में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होने जा रही है. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने नौसेना के लिए छह (06) मिसाइल युद्धपोत बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. सोमवार को विजय दिवस के मौके पर कोच्चि स्थित सीएसली ने नेक्सट जेनरेशन मिसाइल वेसल (एनजीएमवी) की स्टील-कटिंग सेरेमनी का आयोजन किया.

पिछले साल यानी 2023 में रक्षा मंत्रालय ने सीएसएल के साथ छह एनजीएमवी बनाने का करार किया था. इन युद्धपोतों को 2027 तक भारतीय नौसेना में शामिल करने की योजना है.

1971 के युद्ध में पाकिस्तान के कराची पर भारतीय नौसेना के मिसाइल बोट ने ही रात के अंधेरे में जबरदस्त हमला किया था. पाकिस्तानी नौसेना को भारतीय मिसाइल वेसल (जंगी जहाज) के कराची के करीब आने की भनक तक नहीं लगी थी. पूरी दुनिया मिसाइल बोट से किए गए हमले से भौचक्का रह गई थी.

16 दिसंबर यानी सोमवार को भारत ने 1971 युद्ध में मिली विजय की 53वीं वर्षगांठ मनाई है.

नए एनजीएमवी की स्टील कटिंग सेरेमनी पर बयान जारी करते हुए भारतीय नौसेना ने कहा कि अगली पीढ़ी के इन मिसाइल पोत में अत्याधुनिक हथियार और सेंसर लगाया जाना
प्रस्तावित है, जिससे भविष्य के लिए उन्मुख और युद्धक परिस्थितियों हेतु तैयार बल के रूप में भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमताओं में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी.

किसी भी जहाज के निर्माण के लिए उसकी स्टील को काटने को एक शुभ-मुहर्त के तौर पर मनाया जाता है. ये किसी भी जहाज के निर्माण का पहला चरण होता है.

नौसेना के मुताबिक, इन जहाजों का निर्माण हिंद महासागर क्षेत्र के जटिल समुद्री वातावरण में नौवहन करने में सक्षम एक सशक्त और आधुनिक नौसेना बनाने की भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त करता है.

इन नए मिसाइल वेसल  को उच्च गति वाले युद्धपोतों के रूप में परिकल्पित किया गया है, जिनमें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (ब्रह्मोस), मिसाइल रोधी रक्षा व्यवस्था, वायु निगरानी और अग्नि नियंत्रण रडार सहित हथियारों तथा सेंसरों की एक विस्तृत श्रृंखला होगी.