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पश्चिमी देशों पर विश्वास नहीं, भारत से सैन्य संबंध बढ़ाएगा Russia

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के देश के नाम संबोधन से पहले रूस के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ ने अमेरिका को खूब खरी खोटी सुनाते हुए भारत की तारीफ की है. रूसी चीफ ऑफ जनरल स्टाफ वालेरी गेरासिमोव ने अमेरिका पर वैश्विक संघर्षों को भड़काने और हथियार नियंत्रण संधियों को खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि रूस को अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों पर यकीन नहीं है, इसलिए रूस अब चीन, भारत, उत्तर कोरिया और वेनेजुएला के साथ संबंध विकसित करेगा.  

भारत के साथ और संबंध मजबूत करेगा रूस

रूस के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि मॉस्को को पश्चिम देशों के प्रति न्यूनतम स्तर का भरोसा भी नहीं है. हथियार नियंत्रण समझौते में पश्चिम देशों के दोहरे मानदंड के चलते तमाम बाधाएं आ रही हैं. हथियार नियंत्रण का मुद्दा अब पुराने समय की बात बन गया है, क्योंकि पश्चिम के दोहरे मानदंडों के कारण रुस अब पश्चिमी देशों पर बिलकुल यकीन नहीं करता है. इसलिए रूस चीन, भारत, ईरान, उत्तर कोरिया और वेनेजुएला के साथ संबंध विकसित करेगा. विश्वास के बिना पारस्परिक नियंत्रण के लिए प्रभावी तंत्र बनाना असंभव है.

यूरोप-एशिया में संघर्षों को बढ़ा रहा है अमेरिका: रूसी रक्षा मंत्रालय

रूस के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि यूरोप और एशिया में अमेरिकी मिसाइलों की तैनाती आक्रामक हथियारों को बढ़ावा दे रही है. साथ ही फिलीपींस में अमेरिकी सेना का दखल रूस के लिए विशेष चिंता का विषय है. हमने रूस की सीमाओं के पास अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य गठबंधन की गतिविधियों में वृद्धि देखी है. पिछले महीने यूक्रेन के अमेरिका की ओर से दी गई लंबी दूरी की मिसाइलों से रूसी क्षेत्र पर हमला करने के बाद अमेरिका यूक्रेन में संघर्ष में खुले तौर पर भागीदार बन गया है.

रूस और अमेरिका के बीच हथियार समझौते टूटे

रूस और अमेरिका दोनों ही परमाणु संपन्न शक्तिशाली देश हैं. हाल के वर्षों में अमेरिकी और रूस ने हथियार नियंत्रण समझौतों को खत्म कर दिया है.अमेरिका ने 2019 में खुद को आईएनएफ संधि से अलग कर लिया था. अमेरिका ने रूस पर संधि उल्लंघन का आरोप लगाया था। इससे पहले अमेरिका 2002 में एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल संधि से अलग हो गया था, वहीं 2023 में रूस ने न्यू स्टार्ट संधि में भाग नहीं लिया था. ये इस संधि में रणनीतिक परमाणु हथियारों को सीमित करती है. न्यू स्टार्ट

संधि में शामिल न होने के लिए रूस ने यूक्रेन को अमेरिका के समर्थन जिम्मेदार ठहराया था. 

अब रूस ने कहा है अमेरिका दुनिया में जहां संघर्षों को बढ़ावा दे रहा है वहीं संघर्षों को संतुलित करने के लिए चीन, भारत. उत्तर कोरिया, ईरान और वेनेजुएला से घनिष्ठ संबंध रखना समय की आवश्यकता है.

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