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डोवल से हुई सकारात्मक वार्ता: चीन

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवल की चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ वार्ता के एक दिन बाद बीजिंग ने अपना बयान जारी किया है. चीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच ‘सकारात्मक और रचनात्मक’ चर्चा हुई.

भारत-चीन के संबंधों को सामान्य बनाने के लिए बुधवार को एनएसए अजीत डोवल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मुलाकात की थी. बैठक में 6 सूत्रीय सहमति बनी थी जिसमें सीमा विवाद के साथ मानसरोवर यात्रा शुरु करने को भी हरी झंडी दिखाई गई.

डोवल की यात्रा पर क्या बोला चीन

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि सीमा मुद्दे के लिए विशेष प्रतिनिधियों, वांग यी और अजीत डोवल ने ”सकारात्मक और रचनात्मक रुख” के साथ सार्थक वार्ता की और चीन-भारत सीमा मुद्दे पर छह सूत्री ”सहमति” पर पहुंचे, दोनों पक्षों के बयानों का सार और तत्व बहुत हद तक समान हैं.

लिन ने कहा, “दोनों देशों के मूल्यवान संसाधनों को विकास की दिशा में लगाना महत्वपूर्ण है. यह सुनिश्चित करना है कि सीमा से जुड़े प्रश्न को द्विपक्षीय संबंधों में उचित रूप से रखा जाए, तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं सौहार्द बनाए रखना जरूरी है. डोवल और वांग यी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने, नदी से संबंधित आंकड़ों को साझा करने और सीमा व्यापार सहित सीमा पार सहयोग के लिए सकारात्मक दिशा पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक वार्ता की.”

5 साल बाद भारत-चीन विशेष प्रतिनिधियों की बैठक

साल 2019 के बाद पहला मौका था, जब भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधियों में मुलाकात हुई. आखिरी बार ये बैठक दिल्ली में आयोजित हुई थी. इस बार रिश्ते सुधारने की कवायद के चलते अजीत डोवल बीजिंग पहुंचे थे. अब भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधियों की बैठक अगले साल भी आयोजित करने पर मुहर लगाई गई है, ताकि भारत-चीन के संबंधों में गर्मजोशी बनी रहे और सीमा संंबंधित मुद्दों को समय-समय पर सुलझाया जा सके.

भारत-चीन सीमा पर शांति, बॉर्डर विवाद का स्थायी समाधान और कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरु होने के साथ ही नाथूला पर व्यापार, इन मुद्दों पर सहमति बनी जब एनएसए अजीत डोवल ने बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की.

इन 6 मुद्दों पर भारत और चीन के बीच बनी सहमति

1- सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनी रहेगी

विशेष प्रतिनिधियों की बैठक में भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दों पर मूल्यांकन किया गया. इस बात को दोहराया गया कि सीमा क्षेत्र पर कार्य जारी रहना चाहिए. दोनों देशों ने माना कि सीमा के विषय को द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति से ठीक से संभाला जाना चाहिए ताकि इससे विकास पर प्रभाव न पड़े.

दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखा जाए और  द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए उपाय करना जारी रखा जाए

2- सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रतिबद्धता

दूसरा अहम मुद्दा जिस पर भारत-चीन ने सहमति जताई, वो है 2005 के सीमा मुद्दे को हल करना. दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों द्वारा सहमत राजनीतिक दिशानिर्देशों के अनुसार सीमा मुद्दे के लिए एक निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य पैकेज समाधान की तलाश जारी रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है. दोनों देश इस प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक उपाय करेंगे.

3- सीमा प्रबंधन और स्थिरता पर बनी सहमति

भारत और चीन दोनों ही पक्षों ने सीमा की स्थिति का आकलन किया और सीमा क्षेत्र में मैनेजमेंट और नियंत्रण नियमों को और बेहतर करने के लिए, इसके लिए भरोसा बनाने के उपायों को मजबूत करने और सीमा पर स्थायी शांति प्राप्त करने पर सहमति व्यक्त की है.

4- शुरु होगी मानसरोवर यात्रा और नाथुला सीमा व्यापार

भारत- चीन ने आपसी आदान प्रदान पर जोर दिया. दोनों देश तिब्बत (चीन) में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू कर, सीमा पार नदी सहयोग के लिए तैयार हो गए. साथ ही सिक्किम से सटी सीमा पर नाथुला बॉर्डर पोस्ट पर सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने को बढ़ावा देने पर सहमत हुए.

5- विशेष प्रतिनिधियों की बैठक को मजबूत करने पर सहमति

 भारत और चीन विशेष प्रतिनिधियों की बैठक तंत्र का निर्माण करने और इसे मजबूत करने पर सहमत हुए हैं.  इसके साथ ही राजनयिक और सैन्य वार्ता में समन्वय और सहयोग बढ़ाने और सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए चीन-भारत कार्य तंत्र (डबल्यूएमसीसी) को लागू करने की आवश्यकता पर सहमत हुए हैं

6- अगले वर्ष फिर होगी विशेष प्रतिनिधियों की बैठक

दोनों पक्षों ने अगले वर्ष भारत में विशेष प्रतिनिधियों की एक नई बैठक आयोजित करने पर सहमति जताई. बैठक की सटीक तारीख कूटनीतिक चैनलों के जरिए तय की जाएगी. 

बैठक को लेकर क्या बोले एनएसए अजीत डोवल 

बीजिंग में हुई बैठक को लेकर एनएसए अजीत डोवल ने कहा, “पांच साल बाद सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की बैठक फिर से शुरू होना दोनों देशों के नेताओं द्वारा लिए गए निर्णयों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. भारत, चीन के साथ रणनीतिक संवाद को मजबूत करने, परस्पर लाभकारी सहयोग का विस्तार करने और द्विपक्षीय संबंधों के विकास में नई ऊर्जा डालने के लिए तैयार है.”

चीन के उपराष्ट्रपति से मिले एनएसए डोवल

अजीत डोवल ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की है. चीन के उपराष्ट्रपति झेंग ने भारत और चीन के बीच संस्थागत संवादों को फिर से शुरू करने और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर विकास पथ पर वापस लाने के लिए आर्थिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया. झेंग ने कहा, “भारत और चीन जैसी प्राचीन सभ्यताओं और उभरती शक्तियों का स्वतंत्रता, एकजुटता और सहयोग पर टिके रहना वैश्विक प्रभाव और रणनीतिक महत्व रखता है. भारत और चीन दोनों पक्षों को नेताओं द्वारा तय किए गए महत्वपूर्ण निर्णयों को लागू करना चाहिए और उच्च स्तरीय संवादों की गति बनाए रखनी चाहिए.”

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