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रूस की राह पर Pentagon, भारत से चाहिए मजबूत संबंध

अमेरिका ने भारत के साथ रक्षा संबंधों को बेहद मजबूत बताया है. अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध शानदार और रोमांचक है. पेंटागन ने भारत के साथ रक्षा संबंधों को लेकर बयान ऐसे वक्त में दिया है, जब बाइडेन प्रशासन के बाद ट्रंप प्रशासन सत्ता में आने वाला है. 

एक दिन पहले ही रूस के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ, वालेरी गेरासिमोव ने भी भारत के साथ सैन्य संबंध बढ़ाने पर जोर दिया था.

अमेरिका-भारत के रक्षा संबंध मजबूत: पेंटागन

जाते-जाते बाइडेन प्रशासन ने भारत के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत रिश्तों के लिए एक प्रमुख स्तंभ बताया है. पेंटागन के सहायक रक्षा सचिव एली रैटनर ने कहा कि “अमेरिका-भारत के रक्षा संबंध काफी मजबूत हैं और रोमांचक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि दोनों देश रक्षा औद्योगिक आधार सहयोग के साथ-साथ सेवाओं में परिचालन सहयोग के मामले में भी बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहे हैं.”

अमेरिका के सहायक रक्षा सचिव ने कहा, “भारत और अमेरिका के रक्षा संबंध एक विकास क्षेत्र है, भले ही भारत-चीन के संबंध बढ़ते-घटते रहते हैं. अमेरिका ने भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार बताया है.” (Special Forces का अमेरिका में ‘वज्र-प्रहार’)

भारत और अमेरिका में इस साल कैसी रही डिफेंस डील

इस साल भारत ने 31 जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9बी (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) विमानों और उनके संबद्ध उपकरणों की खरीद के लिए अमेरिका के साथ एक समझौता किया है. इससे भारत के सशस्त्र बलों की खुफिया  निगरानी और टोही क्षमता (आईएसआर)में बढ़ोतरी होगी.

इसके अलावा भारत और अमेरिका ने इस साल सुरक्षा आपूर्ति व्यवस्था (एसओएसए) को पूरी किया, जिससे रक्षा वस्तुओं और सेवाओं की पारस्परिक आपूर्ति में वृद्धि देखी गई. इस साल सितंबर के महीने में जब पीएम मोदी और जो बाइडेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी तो पीएम मोदी और जो बाइडेन ने में रक्षा वस्तुओं और सेवाओं की पारस्परिक आपूर्ति को और अधिक मजबूत बनाने के लिए रक्षा खरीद प्रणालियों पर चल रही बातों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी.

अधर में लटकी एविएशन इंजन की डील

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश की साजिश रचने के आरोप के चलते भारत और अमेरिका के संबंधों में खटास आ गई है. ऐसे में दोनों देशों के बीच एविएशन इंजन को लेकर हुआ सौदा लटक गया है.

करीब तीन साल पहले, भारत ने अमेरिका से एलसीए तेजस फाइटर जेट के मार्क-1ए वर्जन के लिए 99 एफ-404 इंजन का सौदा किया था. सौदे की कीमत करीब 21 हजार करोड़ थी. लेकिन अमेरिकी कंपनी जीई ने अभी तक इंजन की सप्लाई शुरु नहीं की है. (राजनाथ चले अमेरिका, LCA इंजन पर होगी बात)

भारत और अमेरिका में क्या आयात, क्या निर्यात?

पिछले कुछ सालों की बात करें तो भारत ने जिन हथियारों और मिलिट्री प्लेटफॉर्म को अमेरिका से खरीदा है, उसकी सूची लंबी है. इनमें करीब डेढ़ लाख सिगसोर असॉल्ट राइफल, सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट, सी-130 जे सुपर हरक्युलिस मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान, नेवी के पी8आई टोही विमान और एम-777 लाइट होवित्जर शामिल हैं.

रूस भी चाहता है मजबूत सैन्य संबंध

दो दिन पहले ही रूस के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ ने अमेरिका को खूब खरी खोटी सुनाते हुए भारत की तारीफ की थी. रूसी चीफ ऑफ जनरल स्टाफ वालेरी गेरासिमोव ने अमेरिका पर वैश्विक संघर्षों को भड़काने और हथियार नियंत्रण संधियों को खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि रूस को अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों पर यकीन नहीं है, इसलिए रूस अब चीन, भारत, उत्तर कोरिया और वेनेजुएला के साथ संबंध विकसित करेगा.  (मोदी के साथ चाय पीना पसंद: पुतिन)

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