म्यांमार में हुई एक एयर स्ट्राइक में 40 लोगों की मौत हो गई है, जबकि बड़ी संख्या में गंभीर तौर पर घायल हुए हैं. हवाई हमले रखाइन प्रांत के उन इलाकों में हुए जहां विद्रोही संगठन अराकान आर्मी का नियंत्रण था.
अराकान आर्मी पिछले कुछ दिनों में बेहद आक्रामक होकर बांग्लादेश से सटे गांवों में पहुंच चुकी है. ऐसे में क्या म्यांमार आर्मी ने एक्शन लिया है या रोहिंग्या आतंकियों ने अराकान को पीछे खदेड़ने के लिए ये हमला किया है. वैसे संभावना म्यांमार सेना की है. हालांकि, हमलों को लेकर म्यांमार ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
रखाइन प्रांत में एयर स्ट्राइक
रामरी द्वीप पर क्यौक नी माव गांव में एयर स्ट्राइक की वजह से पूरे गांव में आग लग गई. आग की लपटें दूर-दूर तक दिखाई दीं. 40 लोगों की मौत हो गी जबकि 20 से ज्यादा लोग हमले में घायल हुए हैं. एयर स्ट्राइक के बाद तनाव और बढ़ गया है.
एयर स्ट्राइक के पीछे म्यांमार आर्मी या रोहिंग्या आतंकी
पिछले कुछ दिनों में अराकान आर्मी मे पूरे रखाइन पर कब्जा कर लिया है. अराकान आर्मी के विद्रोही म्यांमार-बांग्लादेश बॉर्डर तक भी पहुंच चुके हैं. ऐसे में अराकान आर्मी के नियंत्रण वाले क्षेत्र पर हमले के पीछे कौन है.
कुछ दिनों पहले ये खुलासा हुआ था कि रोहिंग्या मुस्लिमों के आतंकी संगठन एआरएसए को आईएसआई ने हथियार बांटे हैं. ये हथियार रोहिंग्या कैंप्स में बांटे गए थे. नए हथियार मिलने के बाद रोहिंग्या आतंकियों ने म्यांमार-बांग्लादेश बॉर्डर पर एक गांव पर हमला भी किया था. बांग्लादेश को अराकान के विद्रोहियों से खतरा है, लिहाजा उन्हें रोकने के लिए बांग्लादेश ने पाकिस्तान की मदद से रोहिंग्या आतंकियों को आगे किया है.
सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे वीडियो भी सामने आए थे जिनमें रोहिंग्या आंतकी ग्रुप का अराकान आर्मी के सदस्यों से झड़प दिखाई पड़ रही है. (अराकान आर्मी से पंगा, बांग्लादेश को पड़ेंगे खाने के लाले)
म्यांमार सीमा पर अराकान आर्मी का कब्जा
बांग्लादेश के लिए नया खतरा म्यांमार के रखाइन प्रांत से सामने आ रहा है. रखाइन प्रांत को पूरी तरह से विद्रोहियों ने अपने कब्जे में कर लिया है. इसी रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों रहते हैं. लेकिन पिछले हफ्ते विद्रोही अराकान आर्मी ने बांग्लादेश से सटी म्यांमार की आखिरी चौकी पर कब्जा कर लिया. इसके मायने ये है कि 270 किलोमीटर लंबी म्यांमार सीमा अब पूरी तरह से अराकान आर्मी के कब्जे में है.
अराकान आर्मी का दावा है कि म्यांमार जुंटा (मिलिट्री शासन) की पश्चिमी कमांड पर अब विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया है. अराकान आर्मी के दावे वाले वीडियो भी इस दौरान सामने आए हैं जिसमें म्यांमार के सैनिकों को बंदी बनाकर ले जाया जा रहा है.
कुछ वीडियो में रोहिंग्या मुसलमानों को भी एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हुए दिखाया गया है. बांग्लादेश का आरोप है कि हाल के दिनों में करीब 60 हजार रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार सीमा पार कर कॉक्स बाजार इलाके में पहुंच गए हैं. (https://x.com/salah_shoaib/status/1867773086298497275)
बांग्लादेश में पहले से ही करीब 10 लाख रोहिंग्या समुदाय के लोगों ने बांग्लादेश में शरण ले रखी है. म्यांमार ने रोहिंग्या मुसलमानों को वापस लेने से भी साफ इंकार कर दिया है. (https://x.com/SouleFacts/status/1868975154535219536)
म्यांमार के बंदरगाहों पर अराकान आर्मी का कस्टम डिपार्टमेंट
अराकान आर्मी ने ना केवल बांग्लादेश से सटे लैंड बॉर्डर बल्कि समुद्री सीमाओं पर कब्जा कर लिया है. साथ ही रखाइन प्रांत के मोंगदो बंदरगाह पर भी अपने अधीन कर लिया है. ऐसे में मोंगदो बंदरगाह पर कस्टम विभाग भी अब आराकान आर्मी के अंतर्गत हैं.
हाल ही में म्यांमार से सटे कॉक्स बाजार इलाके के टेकनफ पोर्ट पर मोंगदो बंदरगाह से चावल की एक खेप पहुंची तो बांग्लादेश का कस्टम डिपार्टमेंट भौचक्का रह गया. क्योंकि चावल की खेप लेकर पहुंचे बांग्लादेशी व्यापारी के पास आराकान आर्मी के मुहर वाली कस्टम दस्तावेज थे.
बांग्लादेश ने अराकान आर्मी को मान्यता देने से किया इंकार
जैसे ही ये खबर बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंची तो अंतरिम सरकार ने आराकान आर्मी से किसी भी तरह का संबंध रखने से साफ इंकार कर दिया. ऐसे में माना जा रहा था कि अराकान आर्मी, म्यांमार से बांग्लादेश को होने वाली चावल और दूसरे जरूरी सामान की सप्लाई पर रोक लगा सकती है.