20 जनवरी के बाद जल्द हो सकती है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात. जगह, समय और तारीख का निर्धारण शुरु कर दिया गया है. इस बात की पुष्टि खुद डोनाल्ड ट्रंप ने की है.
ट्रंप ने बयान जारी करते हुए कहा है कि उनके और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मुलाकात की कोशिश की जा रही है, हालांकि समय सीमा के बारे में ट्रंप ने कोई जानकारी नहीं दी है. वहीं ट्रंप के बयान पर रूस की ओर से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि- “राजनीतिक इच्छाशक्ति होगी तो रूस और अमेरिका के बीच जल्द हाई लेवल बैठक हो सकती है.”
जल्द मिलेंगे ट्रंप-पुतिन, क्या रुक जाएगा युद्ध
ट्रंप ने पुतिन से जल्द मुलाकात की बात कही है. इसपर रूस ने भी बयान जारी किया गया. रूसी राष्ट्रपति क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि “राष्ट्रपति पुतिन बातचीत के लिए तैयार हैं. अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति होगी तो रूस और अमेरिका के बीच उच्च स्तरीय बैठक हो सकती है. बेशक राष्ट्रपति पुतिन इसका स्वागत करेंगे.”
पिछले दिसंबर में भी रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी कहा था कि “अमेरिका के नए राष्ट्रपति के साथ यूक्रेन के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं.” बातचीत के पेशकश रूस और अमेरिका दोनों ओर से हो गई है. पर ये वार्ता कब और कहां होगी, इसपर प्लानिंग शुरु कर दी गई है.
ट्रंप कैसे पूरा करेंगे 24 घंटे में युद्ध रुकवा देने वाला वादा?
डोनाल्ड ट्रंप अपने इलेक्शन कैंपेन से लेकर अब तक यही कहते आ रहे हैं कि वो चाहे तो रूस-यूक्रेन का युद्ध रुक जाएगा. युद्ध के लिए ट्रंप, जो बाइडेन को जिम्मेदार मानते हैं, साथ है जेलेंस्की को भी ट्रंप बड़ा सेल्समैन करार दे चुके हैं.
ट्रंप ने अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता पर भी सवाल खड़े किए थे. ट्रंप जब सत्ता में नहीं थे, तब कहा था कि बाइडेन प्रशासन अमेरिकी नागरिकों के पैसों को युद्ध में लुटा रहे हैं और जब भी जेलेंस्की अमेरिका आते हैं तो अमेरिका का पैसा लेकर चले जाते हैं. अब जब डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने वाले हैं, और 20 जनवरी को वो व्हाइट हाउस पहुंच जाएंगे तो ये समझना आसान है कि यूक्रेन के प्रति उनका और उनके प्रशासन का क्या रुख रहने वाला है.
ट्रंप को जानने वाले एक्सपर्ट बताते हैं कि ऐसा हो सकता है कि रूस-यूक्रेन का युद्ध रोकने के लिए ट्रंप जेलेंस्की के सामने अपनी जमीन छोड़ने जैसी शर्त रख सकते हैं.
ट्रंप ने अपने ताजा बयान में हालांकि, कहा है कि यूक्रेन जंग को रूकने में छह महीने लग सकते हैं.
ट्रंप के शपथ से पहले 500 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता को मंजूरी
जाते-जाते बाइडेन ने यूक्रेन को अतिरिक्त 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता देने की मंजूरी दे दी है. साथ ही मौजूदा अमेरिकी सैन्य भंडार से हथियार और उपकरण पैकेज भी दिया. पैकेज का एलान अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान किया. पेंटागन प्रमुख के तौर पर लॉयड ऑस्टिन ने ये मदद का ऐलान अपनी आखिरी यात्रा में किया है.
अमेरिकी मदद में विभिन्न वायु रक्षा मिसाइलें, हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियार, एफ-16 सहायक उपकरण, बख्तरबंद ब्रिजिंग सिस्टम, छोटे हथियार, गोला-बारूद, स्पेयर पार्ट्स और अतिरिक्त संचार उपकरण शामिल हैं. हथियारों को राष्ट्रपति ड्रॉडाउन अथॉरिटी (पीडीए) के माध्यम से जल्दी से वितरित किया जा रहा है, जो अमेरिकी भंडार से फौरन हस्तांतरण की अनुमति देता है.
लॉयड ऑस्टिन ने दी व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी
युद्ध की शुरुआत से लेकर अब तक अमेरिका ने यूक्रेन को 66 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की सहायता दे चुका है. जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान मौजूदा रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा-“हमारी सुरक्षा के लिए और दांव पर अभी भी बहुत कुछ है. अगर पुतिन यूक्रेन को निगल लेते हैं, तो उनकी भूख और बढ़ेगी. तानाशाह यह सीख लें कि आक्रामकता लाभदायक है, तो हम और अधिक आक्रामकता, अराजकता और युद्ध को आमंत्रण दे रहे हैं.”
माना जा रहा है पीडीए के माध्यम से यूक्रेन की फौरन सैन्य मदद के पीछे बाइडेन प्रशासन कीव की सुरक्षा मजबूत करना चाहता है, वो भी ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले. माना जा रहा है कि ये मदद राष्ट्रपति बाइडेन के नेतृत्व में अंतिम सहायता पैकेज है.
देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप, युद्ध रुकवाने के लिए अपना चुनावी वादा कैसे पूरा करते हैं, वो भी तब जब हाल ही में बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल करने की इजाजत दी है और अतिरिक्त सैन्य सहायता देकर यूक्रेन को जंग में और मजबूत कर दिया है.