Acquisitions Breaking News Geopolitics Indian-Subcontinent TFA Exclusive

तीन नई कोर 04 छावनियां, बांग्लादेश बढ़ा रहा रक्षा बजट, दक्षिण एशिया में बदल जाएंगें समीकरण? (पार्ट-2)

अमेरिका से ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर, चीन से जे-10 फाइटर जेट और यूरोपीय संघ से सिक्योरिटी एंड डिफेंस करार के साथ, बांग्लादेश ने अपनी सेना को मजबूत बनाने का फ्रेमवर्क भी तैयार किया है. इसके लिए रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी से लेकर तीन नई कोर और देशभर में मिलिट्री स्टेशन के साथ ही रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना भी शामिल है. रिपोर्ट्स की मानें तो बांग्लादेश, देश में ही जंगी जहाज बनाने की प्लानिंग कर रहा है.

बांग्लादेश ने अपनी सेना के आधुनिकीकरण के लिए ‘फोर्सेज गोल 2030’ का खाका तैयार किया है. इसके तहत बांग्लादेशी आर्म्ड फोर्सेज को अनुशासन, मैनेजमेंट और गुणवत्ता जैसे मानकों पर खरा उतरना है.

हालांकि, बांग्लादेश की ‘नेशनल डिफेंस पॉलिसी 1974’ के तहत 2030 तक का टारगेट रखा गया था, लेकिन इसे अमली जामा हाल के सालों में देना शुरु किया गया है.

रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी
इस साल यानी 2024-25 के लिए बांग्लादेश का सालाना रक्षा बजट था करीब 42 हजार करोड़ टका (बांग्लादेश करेंसी). पिछले साल यानी 2023-24 के मुकाबले ये 4100 करोड़ टका ज्यादा है. इस साल के रक्षा बजट में बांग्लादेश ने आर्म्स डिवीजन के लिए अलग से 46 करोड़ टका निश्चित किया है.

बांग्लादेश का रक्षा बजट अपने देश के आम बजट (करीब 8 लाख करोड़) का 5.3 प्रतिशत है.

नई कोर और मिलिट्री स्टेशन
रक्षा बजट में बांग्लादेश की तीन नई कोर के गठन का प्लान तैयार किया है ताकि रक्षा-तंत्र को मजबूत किया जा सके. साथ ही देशभर में चार नए कैंटोनमेंट बनाने की तैयारी है. ये छावनियां, सिलहट, रामू (कॉक्स-बाजार), बरीसल और मिथामोए (किशोरगंज) में स्थापित की जाएगी.

कॉक्स-बाजार में बांग्लादेश नया कैंट इसलिए बनाना चाहता है क्योंकि यहां म्यांमार के विद्रोही संगठन अराकान आर्मी का बोलबाला है. अराकान आर्मी ने कॉक्स-बाजार से सटे म्यांमार के रखाइन प्रांत से रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश की सीमा में खदेड़ दिया है. ऐसे में बांग्लादेश में रोहिंग्या संकट खड़ा हो गया है.

अराकान आर्मी के खिलाफ रोहिंग्या लड़ाके भी संगठित हो रहे हैं. ऐसे में कॉक्स-बाजार में बांग्लादेश आर्मी अपना वर्चस्व कायम करना चाहती है. (अराकान आर्मी से पंगा, बांग्लादेश को पड़ेंगे खाने के लाले)

स्वदेशी युद्धपोत का निर्माण
चीन, पाकिस्तान, अमेरिका और टर्की जैसे देशों से हथियार और दूसरे सैन्य उपकरण खरीदने के साथ ही बांग्लादेश, रक्षा क्षेत्र मे आत्मनिर्भर बनने की तैयारी भी कर रहा है.

इसके लिए बांग्लादेशी नौसेना अपने देश के शिपयार्ड में 13 नए एंटी-सबमरीन कोर्विट यानी युद्धपोत बनाना चाहता है.

बांग्लादेशी नौसेना के पास फिलहाल छह मिसाइल कोर्विट्स हैं, जिनका इस्तेमाल समुद्री सीमाओं की निगहबानी, स्मगलिंग और पायरेसी के खिलाफ करता है.

बांग्लादेश लेकिन, अब अपनी नौसेना के लिए एक एडवांस फ्लीट चाहता है ताकि अपने समुद्री-हितों की सुरक्षा की जा सके.  

म्यांमार सीमा से सटे सेंट मार्टिन आइलैंड को लेकर बांग्लादेश दुनियाभर की सुर्खियों में है. साथ ही बांग्लादेश से सटे म्यांमार के बंदरगाहों पर अराकान आर्मी ने कब्जा कर लिया है. ऐसे में किसी भी संघर्ष से बचने के लिए बांग्लादेश को एक मजबूत नौसेना की दरकार है. (सेंट मार्टिन आइलैंड के पीछे क्यों पड़ा है अमेरिका)

एडवांस टेक्नोलॉजी

मौसम के अनुमान के लिए बांग्लादेश अपना खुद का ऐप  तैयार कर रहा है जिसे बीएमडी (बांग्लादेश मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट) के नाम से जाना जाएगा.

साथ ही एक एक्वाकल्चर ऐप भी तैयार किया जा रहा है ताकि बांग्लादेश में फिशिंग-प्रोडक्शन के लिए इस्तेमाल किया जाए.

पाकिस्तान से गलबहियां

सेना की क्षमता बढ़ाने के लिए बांग्लादेश ने पाकिस्तानी सेना की मदद ली है. पाकिस्तानी सेना की एक टुकड़ी अगले महीने (फरवरी में) मयमनसिंह मिलिट्री बेस पहुंच रही है ताकि बांग्लादेश सेना को ट्रेनिंग दी जा सके. बांग्लादेश की आजादी के बाद पहली बार पाकिस्तानी सेना, बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) लौट रही है. (53 साल बाद बांग्लादेश लौटेगी पाकिस्तानी सेना, बीएसएफ ने कसी कमर)

शेख हसीना के सत्ता छोड़ने और भारत में शरण लेने के बाद से मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार लगातार पाकिस्तान के करीब जा रही है. यही वजह है कि फरवरी के महीने में पाकिस्तानी नौसेना द्वारा आयोजित अमन-2025 मल्टीनेशन एक्सरसाइज में बांग्लादेशी नेवी भी हिस्सा ले रही है.

उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर में भारत में आयोजित ‘तरंग-शक्ति’ मल्टीनेशनल एक्सरसाइज से ऐन मौके पर बांग्लादेश वायुसेना ने अपना नाम वापस ले लिया था. (शक के घेरे में वकार की बांग्लादेश आर्मी)

भारत को रहना होगा सतर्क

शेख हसीना के कार्यकाल (2009-अगस्त 2024) के दौरान भारत और बांग्लादेश के प्रगाढ़ संबंध थे. लेकिन शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद से भारत-विरोधी भावनाएं उग्र हो गई हैं.

अंतरिम सरकार द्वारा कट्टरपंथियों को बढ़ावा देने से सेना और प्रशासन में भारत के खिलाफ गतिविधियां बढ़ सकती है.

साथ ही भारत के प्रतिद्वंदी (और दुश्मन) देशों से करीबियां भी दक्षिण एशिया की जियो-पॉलिटिक्स पर खासा असर डाल सकती  है. ऐसे में भारत को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. [यूएस हेलीकॉप्टर EU से मिलिट्री एलायंस, बांग्लादेश बढ़ा रहा सैन्य ताकत (पार्ट-1)]