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स्कूलों को धमकी का अफजल गुरू कनेक्शन, छात्र धरा गया, राजनीति गरम

तकरीबन 400 से ज्यादा स्कूलों को धमकी देने के मामले में दिल्ली पुलिस ने एक छात्र को पकड़ा है, जिसका संबंध आतंकी अफजल गुरु से है. वही अफजल गुरु, जिसे 2001 में हुए संसद हमले में फांसी दी गई थी. दिल्ली पुलिस का दावा है कि छात्र के परिवार का संपर्क एक ऐसे एनजीओ से था, जो अफजल गुरु के फांसी देने के विरोध में था.

एनजीओ का संबंध एक राजनीतिक दल से भी था. मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने जब राजधानी के 20 स्कूलों को धमकी देने के मामले में एक छात्र को पकड़ा तो जांच में पता चला कि 400 से ज्यादा ईमेल भेजे गए थे. दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर मधुप तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, “पुलिस को लगता है कि इस करतूत के पीछे सिर्फ बच्चा नहीं बल्कि कुछ और लोग भी हैं.”

स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी का क्या है अफजल गुरु से संबंध?

पिछले साल मई में दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दिए जाने के बाद हड़कंप मच गया था. सिर्फ एक बार ही नहीं, बार-बार कई अंतराल के बाद स्कूलों में धमाका करने की धमकी दी गई.

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल जांच में जुटी थी, लेकिन वो धमकियां एडवांस तरीके के ईमेल से भेजी गई थीं, जिसके आगे दिल्ली पुलिस पस्त नजर आई. दिल्ली पुलिस को ईमेल प्रोवाइडर से मिले डेटा से भी सफलता हासिल नहीं हुई. लेकिन साल 2025 की शुरुआत में एक बार फिर स्कूलों को धमकी भरा ईमेल भेजा गया, तो पुलिस को मिल गया एक अहम सुराग और पुलिस सुराग तलाशते-तलाशते जब आरोपी तक पहुंची तो वो एक नाबालिग छात्र निकला. (RU ईमेल से दिल्ली के स्कूलों में हड़कंप !)

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर मधुप तिवारी के मुताबिक, “2025 में फ‍िर ऐसी ईमेल आई. फ‍िर एक विंडो का पता चला, जो एक बच्‍चे का था. उसके लैपटॉप और फोन की फॉरेंसिक जांच की गई तो पता चला क‍ि 400 से ज्यादा स्कूलों को ईमेल भेजी गई थी. फ‍िर हम बच्‍चे के पीछे लग गए. उसके पर‍िवार के बारे में पता लगाया. इसके पेरेंट्स जहां काम करते हैं, वहां के एनजीओ को तलाशा. यह एनजीओ एक पॉलिटिकल पार्टी के लिए काम करता था जो ऐसी पॉलिटिकल पार्टी का समर्थन करता था और अफजल गुरु का समर्थन करता था.”

धमकी देने के पीछे सिर्फ परीक्षा टालना वजह नहीं हो सकती: स्पेशल सीपी

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर मधुप तिवारी के मुताबिक, “धमकी भरा ईमेल भेजने में जो ब्राउजर इस्तेमाल किए हैं, उनका कंटेंट भी मिलता जुलता है. स्कूलों को धमकी दिए जाने की एक बड़ी जांच की गई है. हम अभी जांच कर रहे हैं क‍ि आख‍िर में इसका मास्टरमाइंड कौन है. हम अफजल गुरु का समर्थन करने वाले एनजीओ का डेटा खंगाल रहे हैं. हमें इस बच्चे की पूरी जानकारी पता करनी है. इसके लिए हम पूरा प्रोफाइल खंगाल रहे हैं. सिर्फ परीक्षा टालना या टेस्‍ट टालना, धमकी के पीछे की वजह नहीं हो सकती. धमकी दिए जाने के पीछे कुछ और कारण भी हो सकते हैं.”

सिर्फ एक बच्चा अकेला ऐसा नहीं कर सकता: स्पेशल सीपी

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी ने कहा, “जांच अभी चल रही है, जैसे-जैसे जांच की कड़ियां जुड़ेंगी और खुलासे होंगे. जांच शुरुआती चरण में है. पिछले साल मास ईमेल के जरिए धमकी दी गई थी, तब ऐसा लग रहा था कि कहीं उसके पीछे कोई आतंकी संगठन तो नहीं था, या स्कूल की परीक्षाएं टालने के लिए किसी को शरारत तो नहीं थी. लेकिन 8 जनवरी 2025 को जो आखिरी ईमेल्स आई, उसी के आधार पर हम बच्‍चे की पहचान कर पाए. बच्चे के लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच से पता चला कि बच्चे ने 400 से ज्यादा ईमेल भेजी थीं. हमें शक हो रहा था कि एक बच्चा ये कैसे कर सकता है. इसलिए हमने आगे की जांच शुरू की. ऐसा लगता है कि सिर्फ एक बच्चा ऐसा नहीं कर सकता, इसलिए दिल्ली पुलिस जांच को बेहद गंभीरता से ले रही है.” (https://x.com/ANI/status/1879103539668234474)

अफजल गुरु के समर्थित एनजीओ और राजनीतिक दल पर सियासत तेज 

दिल्ली पुलिस ने ये तो बता दिया है कि बच्चे का परिवार एक ऐसे एनजीओ से जुड़ा हुआ है, जो अफजल गुरु का पक्षधर था, साथ ही एनजीओ का संबंध एक राजनीतिक पार्टी से है, लेकिन पुलिस ने ये बताने से मना कर दिया है कि वो पार्टी कौन सी है.

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “आम आदमी पार्टी (आप) का सबंध ऐसे देश विरोधी एनजीओ से रहा है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के अभिभावक ने अफजल गुरु को बचाने का काम किया था. आप की मुख्यमंत्री आतिशी के पैरेंट्स ने अफजल गुरु की दया याचिका का समर्थन किया था. क्या आम आदमी पार्टी या उनसे जुड़े किसी एनजीओ का इससे कोई संबंध रहा है? आप स्पष्ट करे कि इसका उससे क्या संबंध है.” (https://x.com/MrsGandhi/status/1879146822150852839)

बीजेपी पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया है. आप पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, “बीजेपी स्कूल को बच्चों की धमकी मिलने के मुद्दे पर राजनीति कर रही है, पहली धमकी मई 2024 में मिली थी. अब लगभग 9 महीने बाद भी दिल्ली पुलिस ने कोई बयान नहीं दिया है. अब सुधांशु त्रिवेदी अलग-अलग एनजीओ की कहानियां बता रहे हैं, उन्हें सब कुछ पता है. 10 महीनों तक कोई जांच नहीं हुई, लेकिन अब चुनाव से 15 दिन पहले वे मनगढ़ंत कहानियां सुना रहे हैं.”

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