ब्रिटिश सरकार में मंत्री शेख हसीना की भांजी ट्यूलिप सिद्दीक ने इस्तीफा दे दिया है. ट्यूलिप, कीर स्टार्मर की सरकार में ट्रेजरी मंत्री थीं. ट्यूलिप पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
मोहम्मद यूनुस ने ब्रिटेन सरकार से ट्यूलिप और उनके परिवार के संपत्ति की जांच की मांग की थी. विवाद शुरु होने के बाद ट्यूलिप सिद्दीक ने इस्तीफा देते हुए कहा कि उनके मंत्री के रूप में काम जारी रखने से सरकार के कामकाज में बाधा पैदा हो सकती है, इसलिए वो अपने पद से इस्तीफा दे रही रही हैं.
शेख हसीना की भांजी पर क्या लगे आरोप
बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस की शिकायत के बाद शेख हसीना की भांजी ट्यूलिप सिद्दीक ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. ट्यूलिप पर आरोप है कि उन्होंने लंदन में अपनी संपत्तियों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया और वित्तीय मामलों में पारदर्शिता नहीं रखी. पिछले सप्ताह जब ट्यूलिप पर आरोप लगाए गए तो उन्होंने खुद पीएम कीर स्टार्मर के सलाहकार सर लॉरी मैग्नस को पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा था, कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया. जिसके बाद पीएम कीर स्टार्मर ने भी कहा था कि उन्हें ट्यूलिप पर भरोसा है.
ट्यूलिप, शेख हसीना की छोटी बहन शेख रेहाना की बेटी है.
अब ट्यूलिप ने अपना इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे में लिखा है कि “निगरानी संस्थान ने उन्हें मंत्री की आचार संहिता का उल्लंघन करते नहीं पाया. लेकिन मंत्री रहते हुए काम करने से सरकार के कामकाज में रुकावट आ सकती है, इसलिए इस्तीफा देने का फैसला लिया है.”
ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर ने ट्यूलिप का इस्तीफा स्वीकार करते हुए कहा कि “यह फैसला लेना कठिन था,लेकिन ब्रिटेन सरकार की सरकार के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए यह फैसला सही था.”
पनामा पेपर्स से जुड़े हैं तार: यूनुस
मोहम्मद यूनुस ने सिद्दीक और उनके परिवार को “उनकी मौसी की अपदस्थ सरकार के सहयोगियों” द्वारा उपहार में दी गई संपत्तियों के उपयोग की निंदा की थी. मोहम्मद यूनुस ने मांग की थी कि ट्यूलिप को स्पष्ट लाभ मिला.
यूनुस ने कहा था कि “यह साफ तौर पर डकैती है, पिछली सरकार (शेख हसीना) पर धोखाधड़ी के जरिये धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया.” यूनुस ने एक हालिया आधिकारिक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें पाया गया कि अवामी लीग शासन से जुड़े लोगों ने बांग्लादेश से प्रति वर्ष अरबों डॉलर बाहर भेजे, जिनमें से कुछ धन का उपयोग विदेशों में संपत्ति सहित अन्य परिसंपत्तियों की खरीद में किया गया.
यूनुस ने ये भी दावा किया था कि सिद्दीक ने कई वर्षों तक हैम्पस्टेड की एक प्रॉपर्टी में रहते हुए समय बिताया, जिसे पनामा पेपर्स में नामित एक ‘ऑफशोर कंपनी’ ने खरीदा था और जिसका संबंध दो बांग्लादेशी व्यापारियों से था.